मर्यादारहित का अर्थ
[ meryaadaarhit ]
मर्यादारहित उदाहरण वाक्य
परिभाषा
विशेषण- जिसने किसी भी प्रकार की मर्यादा का परित्याग कर दिया हो:"मर्यादाहीन व्यक्ति को लज्जा कैसी"
पर्याय: मर्यादाहीन, मुक्त
उदाहरण वाक्य
- अकूल - वि . सं. बिना कूल / किनारे का. सीमा / मर्यादारहित.
- गुरू के बिना मनुष् य ” नगुरा ” होता है ( यानी गुरू के बिना मनुष् य अनुशासनहीन , मर्यादारहित तथा नाशुक्रा यानी कृतघ् न या हरामी होता है ) अत : तुम एक सुयोग् य गुरू खोज कर उसके शिष् बनो।
- गुरू के बिना मनुष् य ” नगुरा ” होता है ( यानी गुरू के बिना मनुष् य अनुशासनहीन , मर्यादारहित तथा नाशुक्रा यानी कृतघ् न या हरामी होता है ) अत : तुम एक सुयोग् य गुरू खोज कर उसके शिष् बनो।
- अर्थात् जिन शस्त्रधारी मर्यादारहित नरपशुओं ने यह महापाप किया है या जिसने इसकी अनुमति दी है ( अनुमोदन किया है) अथवा जिसने इसे (वध को) देखा है उन सबके, श्रीकृष्ण, भीम, अर्जुन आदि सहित (जिन्होंने धृष्टद्युम्न को वध करने से रोका नहीं) सभी के रक्त, मेद (चर्बी) और मांस से मैं सभी दिशाओं की बलि (पूजा) करता हूँ (करूँगा)।
- अर्थात् जिन शस्त्रधारी मर्यादारहित नरपशुओं ने यह महापाप किया है या जिसने इसकी अनुमति दी है ( अनुमोदन किया है ) अथवा जिसने इसे ( वध को ) देखा है उन सबके , श्रीकृष्ण , भीम , अर्जुन आदि सहित ( जिन्होंने धृष्टद्युम्न को वध करने से रोका नहीं ) सभी के रक्त , मेद ( चर्बी ) और मांस से मैं सभी दिशाओं की बलि ( पूजा ) करता हूँ ( करूँगा ) ।