महानस का अर्थ
[ mhaanes ]
महानस उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- पहले महानस ( रसोईघर ) में धूम और वह्नि का सहचार दर्शन होता है।
- पहले देवों के प्रिय प्रियदर्शी राजा के महानस ( पाकशाला में प्रतिदिन बहुत लाख प्राणी सूप (शोरबे, भोजन) के लिए मारे
- पहले देवों के प्रिय प्रियदर्शी राजा के महानस ( पाकशाला में प्रतिदिन बहुत लाख प्राणी सूप ( शोरबे , भोजन ) के लिए मारे जाते थे।
- जैसे - धूमकेतु किसी आश्रय में वह्रि का अभाव न होने से वह्रि धूम का व्यापक है और उस वह्रि के आश्रय महानस आदि में धूम रहता है;
- जैसे - धूमकेतु किसी आश्रय में वह्रि का अभाव न होने से वह्रि धूम का व्यापक है और उस वह्रि के आश्रय महानस आदि में धूम रहता है;
- धूम का प्रथम दर्शन महानस में होता है , उसका द्वितीय दर्शन है पर्वत में जो पहली बार वह देखा गया और तृतीय दर्शन है उक्त व्याप्ति से युक्त धूम का जो पुन : दर्शन होता है।
- ये तीन विशेषताएँ हैं- अनुमेय या पक्ष ( पर्वत ) में निश्चित उपस्थिति ; सपक्ष ( महानस या रसोईघर ) में ही उपस्थिति ( सब सपक्षों में नहीं किंतु कुछ में ) ; और असपक्ष या विपक्ष ( सरोवर ) में निश्चित अनुपस्थिति ( समस्त विपक्षों में अनुपस्थिति ) ।
- इसके मानने में युक्ति यह है कि उक्त सन्निकर्षजन्य प्रत्यक्ष के नहीं मानने पर वह्नि के साथ धूम का महानस में प्रत्यक्ष होने पर भी सकलदेशीय धूम के साथ चक्षुष् इन्द्रिय के संयोग के अभाव में क्या सर्वत्र ही धूम वह्नि का व्याप्य है तथा धूम युक्त सभी स्थलों में वह्नि रहता है या नहीं- इस तरह का जो संशय होता है , वह नहीं हो पाएगा।