मिथ्यता का अर्थ
[ mitheytaa ]
मिथ्यता उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- पूरब बनाम पश्चिम - मिथकों की मिथ्यता
- देवदत्त पटनायक : पूरब बनाम पश्चिम - मिथकों की मिथ्यता
- स्वभाव देखकर ही हम स्वप्न को मिथ्यता कहते हैं ।
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- सच्चाई से मिथ्यता सदा है हारी।
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- देवदत्त पटनायक : पूरब बनाम पश्चिम - मिथकों की मिथ्यता श्री देवदत्त पटनायक का यह व्याख्यान मैंने
- इला प्रसाद की कविताओं का पहला संग्रह “धूप का टुकड़ा” हमारे समय के स्त्री विमर्श में कुछ नया जोड़ता है और फिर भी स्त्रीवाद या स्त्री की मिथ्यता मुक्ति की अवधारणा से इन्कार करता है।
- ध्यान की अन्त्प्रेक्षण , मूल का भाव कर्म की प्रतिष्ठा , कार्य का योग विचार का द्वार , हार का परिष्कार जीता का परिष्कृत , सत्य का चैतन्य पदार्थ की मिथ्यता , जीवन का स्वरुप स्वरुप का बंधन , बंधन से रिश्ते क्योंकि रिश्ता धरम है , धरम ही कर्म है कर्म ज्ञान है , ज्ञान शक्ति है , शक्ति ही युक्ति है इससे ही जीवन की मुक्ति है ।