मूँड़ी का अर्थ
[ munedei ]
मूँड़ी उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- “ भेड़ जहाँ भी जायेगी , मूँड़ी जायेगी ”
- “ भेड़ जहाँ भी जायेगी , मूँड़ी जायेगी ”
- देखा कि आसन मारे मूँड़ी नीचे किये आँखें मूँदे बैठे हैं।
- अब वो हमें कैसे बतायेंगे इस सवाल में आप अपनी मूँड़ी मत घुसाइये।
- अब वो हमें कैसे बतायेंगे इस सवाल में आप अपनी मूँड़ी मत घुसाइये।
- भारत की-उसके करते आसानी से मूँड़ी जा सकती हैं , धोखे में रखी जा सकती हैं।
- मूँड़ी लगाय के = गर्दन लगाकर . कइसे = किस प्रकार. लंछना = लांछन. कबो = कभी.
- चेहरे पर नकारात्मक भाव धर कर , मगर मेरी मूँड़ी सकारात्मक भाव से हिलाता हुआ, वहाँ से मैं चल दिया..!!
- “जनता तो भेड़ है , जहाँ भी जायेगी, मूँड़ी ही जायेगी.”सुरेंद्र सिंह झंझट जी की टिप्पणी में सब कुछ आ गया है.जनता भेड़ की तरह भोली.
- सरकार जनता को लूटने पर तुली है , जनता जनता को लूटने से गुरेज़ नहीं करती | सरकारें जनता को भलीभांति जानती-पहचानती हैं | कब और किस तरह , कहाँ और कैसे हलाल करना है , उन्हें पता है | जनता तो भेड़ है , जहाँ भी जायेगी , मूँड़ी ही जायेगी |