मृगतृष्णिका का अर्थ
[ merigaterisenikaa ]
मृगतृष्णिका उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
- मृगतृष्णिका ॥ ३१५ ॥ तैसा जिये वस्तूच्या ठायीं ।
- वंचना में उग्र मृगतृष्णिका को जीतने वाली है अर्थात् यह वंचना में इतनी दक्ष है कि क्षण भर भी एक स्थान पर न रहने वाली यह जलतरंग और दीपशिखा से ( दीये की लौ से ) भी बढ़कर भंगुर है और अनगिनत दुर्दशाओं की जननी है।।