मैनशिल का अर्थ
[ maineshil ]
मैनशिल उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- धवल कुष्ठ निवारणार्थ इसके क्षार को मैनशिल और गोमुत्र मे पीसकर लेप कियाजाता है ।
- काकजङ्घा , तगर , केशर और मैनशिल का चूर्ण बनाकर उसे स्त्री के सिर पर डाले तो वह वश में हो जाती है।
- जिद्दि और रुखे दाद के लिये- पलाश के बीज , मुर्दाशंख, सफ़ेदा, कबीला, मैनशिल, और माजु फ़ल इनका चुर्ण समान मात्रा मे, करन्ज के पत्तों का रस, निम्बु क रस, इनसे भावना देकर सारा दिन मर्दन करें ।
- इसमें पारे गन्धक की कज्जली चार तोले , भुना हुआ सुहागा , सफेद कत्था , चीनी , कमेला , काली मिर्च , राल , मुर्दासंग , भुना हुआ नीलाथोथा , भुनी हुई फिटकड़ी , मैनशिल और गन्धक - ये सब दो-दो तोले लेवें ।
- इसमें पारे गन्धक की कज्जली चार तोले , भुना हुआ सुहागा , सफेद कत्था , चीनी , कमेला , काली मिर्च , राल , मुर्दासंग , भुना हुआ नीलाथोथा , भुनी हुई फिटकड़ी , मैनशिल और गन्धक - ये सब दो-दो तोले लेवें ।
- जिद्दि और रुखे दाद के लिये- पलाश के बीज , मुर्दाशंख , सफ़ेदा , कबीला , मैनशिल , और माजु फ़ल इनका चुर्ण समान मात्रा मे , करन्ज के पत्तों का रस , निम्बु क रस , इनसे भावना देकर सारा दिन मर्दन करें ।
- जिद्दि और रुखे दाद के लिये- पलाश के बीज , मुर्दाशंख , सफ़ेदा , कबीला , मैनशिल , और माजु फ़ल इनका चुर्ण समान मात्रा मे , करन्ज के पत्तों का रस , निम्बु क रस , इनसे भावना देकर सारा दिन मर्दन करें ।