मोहनिशा का अर्थ
[ mohenishaa ]
मोहनिशा उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- जन्माष्टमी की या भाद्रपद कृष्ण अष्टमी की रात्रि:"कृष्ण का जन्म मोहरात्रि में हुआ था"
पर्याय: मोहरात्रि, मोह-रात्रि, मोह-निशा - पुराणानुसार ब्रह्मा के पचास वर्ष बीतने पर आनेवाली रात्रि जब संसार का प्रलय हो जाता है:"प्रलयरात्रि के पश्चात् सृष्टि का पुनर्निर्माण होता है"
पर्याय: प्रलयरात्रि, प्रलय-रात्रि, मोहरात्रि, मोह-रात्रि, मोह-निशा
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- है , मोहनिशा से जाग जाओ समाज आपके खिलाफ प्रतिक्रिया करने लगा है आज सचमें
- है , मोहनिशा से जाग जाओ समाज आपके खिलाफ प्रतिक्रिया करने लगा है आज सचमें
- और ज्ञान की किरणें सारी दुनियाँ में फैलाई॥ मोहनिशा में फँसे विश्व को बंधन मुक्त कराया।
- यह पवित्र संदेश पाकर अर्जुन वीरता , तेजस्विता , मनस्विता से परिपूरित होकर मोहनिशा से जाग उठते हैं।
- भगवकपा से जब यथाथ सस सूय का उदय होता ह , तब मनुय की मोहनिशा भ होती ह आर वह विवेक के मलभात का दशन ा करता ह।
- इसका मूल कारण है हम सभी मोह रूपी जगत के अंधकार ( मोहनिशा ) में सोए हुये हैं , इस मोहनिशा से केवल मनुष्य जीवन में ही जागना संभव है।
- इसका मूल कारण है हम सभी मोह रूपी जगत के अंधकार ( मोहनिशा ) में सोए हुये हैं , इस मोहनिशा से केवल मनुष्य जीवन में ही जागना संभव है।
- अज्ञान से आवृत सभी जीव मोहनिशा ( मोह रूपी रात्रि ) में अचेत अवस्था ( निद्रा अवस्था ) में ही रहते हैं उन्हे मालूम ही नही होता है कि वह क्या कर रहें हैं और उन्हे क्या करना चाहिये।
- सर्वज्ञानविमूढ़ास्तान्वि नष्टाचेतस : ।। जो दृष्टिवाले अचेतस:- मोहनिशा में अचेत लोग मेरे इस मत के अनुसार नहीं बरतते अर्थात् ध्यानस्थ होकर आशा ममता, सन्तापरहित होकर समर्पण के साथ युद्ध नहीं करते, सर्वज्ञानविमूढान्- ज्ञान-पथ में सर्वथा मोहित उन लोगों को तू कल्याण से भ्रष्ट हुआ ही जान।
- मोहनिशा में अचेत आदिम मानव , जिसमें भजन का कोई संस्कार नहीं है, योग के विषय में जिसने कभी सोचा तक नहीं, ऐसा मनुष्य किसी महापुरुष को देखता है तो उनके दर्शनमात्र से, उनकी वाणी से, टूटी-फूटी सेवा और सान्ध्यि से योग के संस्कार उसमें संचारित हो जाते हैं।