यजु का अर्थ
[ yeju ]
यजु उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- आर्यों के परम पवित्र वेद भी ऋग , यजु,
- आर्यों के परम पवित्र वेद भी ऋग , यजु,
- यह रस रूप यजु : है, पिण्ड भाग ऋक्।
- यजु एकमात्र गति या क्रिया प्रधान तžव है।
- ऋक्-यजु-साम में भी यजु ही माध्यम बनता है।
- ऋक् , यजु, साम तीनों को अमृता कहा है।
- ऋक् , यजु, साम तीनों को अमृता कहा है।
- इसी के रस भाग को यजु कहते हैं।
- . . 4 ................वेद (ऋक्, यजु, साम, अथर्व) ..................................................... वैदिक
- सृष्टि निर्माण के मूल तžव हैं यजु और साम।