रत्नमाला का अर्थ
[ retnemaalaa ]
रत्नमाला उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- दैत्यराज बलि की पुत्री :"रत्नमाला का वर्णन पुराणों में मिलता है"
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- 1 . न्याय रत्नमाला, 2. तंत्ररत्न, 3. शास्त्रदीपिका, 4.
- पूतना पूर्वजन्म में महाराज बलि की कन्या रत्नमाला थी।
- उसके बाद हलायुध के अभिधान रत्नमाला का स्थान है।
- रत्नमाला ' , श्रीयुत् पं. रामनरेश त्रिपाठी की 'कविता कौमुदी' तथा श्री
- ' हिन्दी कोविद रत्नमाला' भाग 1, 2
- तभी तो रत्नमाला ग्रंथ में कहा गया है-सम्मार्ज्जनश्च संशुद्धिः संशोधने विशोधने।
- ग्रंथ थे सिद्धान्त रत्नांजलि , गिरिब्रज रत्नमाला , सेतुका , जान्हवी और रत्न मंजूषा।
- इसका इन्होंने स्वयं ही ' पितुरेव श्रतुं प्राप्य श्रीमद्यज्ञात्मसूनुना'-शब्दों द्वारा न्याय रत्नमाला में उल्लेख किया है।
- 1 . न्याय रत्नमाला , 2 . तंत्ररत्न , 3 . शास्त्रदीपिका , 4 .
- उन दिनों रत्नमाला पर्वत पर दूषण नामक एक असुर ने धर्मविरोधी कार्य आरंभ कर रखा था।