रविकुल का अर्थ
[ revikul ]
रविकुल उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
- ज़ज़्बातों को ज़ुबां नहीं मिलती कम्बख्त हालात कि ये मज़बूरी है ! ! ” -धर्मेन्द्र कुमार रविकुल
- मैं चौराहों पर चीख़ चीख़ कर लोगों की तरफ़ उछालता रहता हूं यह राज़ अजीब नज़रों से बेधा जाता है मुझे बहुत उम्दा क्रिती मैं मुर्दों के बीच खडा आज़ादी की मशाल लिये , ! लोग आये तलवारें लेकर मैं खडा बस ढाल लिये !! -धर्मेन्द्र कुमार रविकुल
- महासचिव धर्मेंद्रकुमार रविकुल ने पत्र में फेज टू , अस्पताल, सुभाष सर्किल, शनि मंदिर, चारभुजा में गति अवरोधक लगाने, सड़क के मध्य में सोलर चलित लाइट सूचक, सड़क पर रोशनी के लिए समुचित स्ट्रीट लाइट, संकेतात्मक पट्टियां लगाने, पैदल यात्रियों को लिए जेब्रा पट्टियों को प्रदर्शित करने की मांग की है।
- या तो कह दो कि बाजुओं में हमारी दम नहीं , वर्ना बता दो समुचे विश्व को कि हम किसी से कम नहीं , होना है तो हो जाए एक बार युद्ध आर-पार का , छीन लो उस धरती को जो ॒क्षॆत्र है हमारे अधिकार का ! **** धर्मेन्द्र कुमार रविकुल ” नाशाद ” ****
- रविकुल धर्मेन्द्र की दिल की ज़मीं पर आपका हार्दिक अभिनन्दन ……………………………………… . आप डाक श्रेणियों में प्रदर्शित, अपनी दिलचस्पी की विधा का रसास्वादन कर सकते हैं………………………………………… यहां प्रदर्शित कविताएं,गज़ल,शायरी आदि, हैं …………………………मैं किसी परीधी में बन्धकर लिखना पसन्द नहीं करता , मैं स्वछंद हो कर लिखता हूँ , जो सवाल मेरे मन को कचोटता है उन सवालों के हल खोजने की कोशिश करता हूँ ! ……………………………………………… आप यहां प्रदर्शित सामग्री का मनचाहा अव्यवसायिक प्रयोग करने के लिए स्वतंत्र हैं, बस एक सूचना की दरकार है ताकि यह नाचीज़ भी उसका लुत्फ़ उठा सके……….. आलोचनात्मक टिप्पणियों और संवाद का स्वागत है…………………………….