रिहल का अर्थ
[ rihel ]
रिहल उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- कभी घुटनों को अपने रिहल की सूरत बना कर
- दादी तख्त प बैठे लकड़ी कि रिहल पर धरी रामचरित मानस पढ़ि रहीं।
- सफ़हे - पन्ने , राब्ता - संबंध, रिहल - किताब रखने का लकड़ी का प्लेटफ़ॉर्म, नीम सजदा - थोड़ा झुक कर, जबीं - माथा, इल्म - ज्ञान, जानकारी, रुक़्क़े - काग़ज़ के टुकड़े, ख़त गुलज़ार करेले की सब्ज़ी हैं, यार ! एक तरफ़ जावेद अख़्तर हैं तो दूसरी ओर गुलज़ार।
- इस दर्द को मैंने कभी देखा नहीं , लेकिन जिसने दिल की रिहल पर रखकर राही मासूम की “ आधा गाँव ” , मण्टो की “ टोबा टेकसिंह ” और गुलज़ार की “ रावी पार ” पढ़ी हो , वो इस त्रासदी को दिल से महसूस कर सकता है .
- किताबें झाँकती हैं बंद आलमारी के शीशों से किताबों से जो ज़ाती राब्ता था , कट गया हैकभी सीने पर रखकर लेट जाते थेकभी गोदी में लेते थेकभी घुटनों को अपने रिहल की सूरत बनाकरनीम सजदे में पढ़ा करते थे, छूते थे जबीं सेवो सारा इल्म तो मिलता रहेगा बाद में भीमगर वो जो किताबों में मिला करते थे सूखे फूलऔर महके हुए रुक्केकिताबें मँगाने, गिरने उठाने के बहाने रिश्ते बनते थेउनका क्या होगावो शायद अब नही होंगे !! गुलज़ार
- किताबों से जो ज़ाती राब्ता था , कट गया है कभी सीने पर रखकर लेट जाते थे कभी गोदी में लेते थे कभी घुटनों को अपने रिहल की सूरत बनाकर नीम सजदे में पढ़ा करते थे, छूते थे जबीं से वो सारा इल्म तो मिलता रहेगा बाद में भी मगर वो जो किताबों में मिला करते थे सूखे फूल और महके हुए रुक्के किताबें मँगाने, गिरने उठाने के बहाने रिश्ते बनते थे उनका क्या होगा वो शायद अब नही होंगे !!
- किताबों से जो ज़ाती राब्ता था , कट गया है कभी सीने पर रखकर लेट जाते थे कभी गोदी में लेते थे कभी घुटनों को अपने रिहल की सूरत बनाकर नीम सजदे में पढ़ा करते थे , छूते थे जबीं से वो सारा इल्म तो मिलता रहेगा बाद में भी मगर वो जो किताबों में मिला करते थे सूखे फूल और महके हुए रुक्के किताबें मँगाने , गिरने उठाने के बहाने रिश्ते बनते थे उनका क्या होगा वो शायद अब नही होंगे !!