लाक्ष का अर्थ
[ laakes ]
लाक्ष उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- एक लाल पदार्थ जिसे कुछ विशिष्ट वृक्षों की टहनियों पर लाल रंग के कुछ छोटे कीड़े बनाते हैं:"दुर्योधन ने पांडवों को जला डालने के लिए लाख का घर बनवाया था"
पर्याय: लाख, लाह, लाक्षा, रंगमाता, रङ्गमाता, रंगमातृका, रङ्गमातृका, कृमिजा, पलंकषा, पलंकषी, ह्रीकु, मुचक, अरक्त, अलक्त, अलक्तक, जंतुका, जन्तुका, पित्तारि, रंगजननी, रक्ता, गंधमादनी, गन्धमादनी, गंधमादिनी, गन्धमादिनी
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- ये हैं : बारपेटा , बोंगइगांव , कचार , धेमाजी , गोपालपाड़ा , हैलाकांडी , कार्बीअलोंग , कोकराझाड़ , मोरीगांव , उत्तर लखीमपुर ( लाक्ष ) और उत्तर कचार हिल्स।
- उन्हों ने कई प्रकार के शल्य यन्त्रों का निर्माण भी किया था तथा शिक्षार्थियों को सिखाने के लिये लाक्ष या मोम को किसी पट पर फैला कर शल्य क्रिया का अभ्यास करवाया जाता था।
- युवावस्था मे आकर जब गुणो मे उससे अधिक श्रेष्ठ युधिष्ठर को युवराज बना दिया गया तो शकुनि ने लाक्ष के बने हुए धर में पाण्डवों को रखकर आग लगाकर उन्हें जलाने का प्रयत्न किया किन्तु विदुर की सहायता से पाँचों पाण्डव अपनी माता के साथ उस जलते हुए घर से बाहर निकल गये।
- युवावस्था मे आकर जब गुणो मे उससे अधिक श्रेष्ठ युधिष्ठर को युवराज बना दिया गया तो शकुनि ने लाक्ष के बने हुए धर में पाण्डवों को रखकर आग लगाकर उन्हें जलाने का प्रयत्न किया किन्तु विदुर की सहायता से पाँचों पाण्डव अपनी माता के साथ उस जलते हुए घर से बाहर निकल गये।
- युवावस्था मे आकर जब गुणो मे उससे अधिक श्रेष्ठ युधिष्ठर को युवराज बना दिया गया तो शकुनि ने लाक्ष के बने हुए धर में पाण्डवों को रखकर आग लगाकर उन्हें जलाने का प्रयत्न किया किन्तु विदुर की सहायता से पाँचों पाण्डव अपनी माता के साथ उस जलते हुए घर से बाहर निकल गये।
- शकुनि के छलकपट से दुर्योधन ने पाण्डवों को बचपन में कई बार मारने का प्रयत्न किया तथा युवावस्था में भी जब युधिष्ठिर को युवराज बना दिया गया तो लाक्ष के बने हुए घर लाक्षाग्रह में पाण्डवों को भेजकर उन्हें आग से जलाने का प्रयत्न किया , किन्तु विदुर की सहायता के कारण से वे उस जलते हुए गृह से बाहर निकल गये।