विप्रचिति का अर्थ
[ viperchiti ]
विप्रचिति उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- एक राक्षस :"राहु विप्रचित् का पुत्र था"
पर्याय: विप्रचित्, विप्रचित्ति
उदाहरण वाक्य
- एक पौराणिक कथानुसार हिरण्यकशिपु की कन्या सिंहका का विवाह विप्रचिति नामक एक महाबली दानव के साथ हुआ| इन्ही दोनों की संतान है महाबली राहु| समु . ..
- राहु सिंहिका राक्षसी के पुत्र हैं तथा इनके पिता विप्रचिति सदैव आसुरी संस्कारों से दूर रहे , साथ ही समुद्र मंथन के समय अमृतपान करने के कारण इन्हें अमरत्व एवं देवत्व की प्राप्ति हुई, तभी से शंकर भक्त राहु अन्य ग्रहों के साथ ब्रम्हा जी की सभा में विराजमान रहते हैं इसीलिए इन्हें ग्रह के रूप में मान्यता मिली है।
- राहु सिंहिका राक्षसी के पुत्र हैं तथा इनके पिता विप्रचिति सदैव आसुरी संस्कारों से दूर रहे , साथ ही समुद्र मंथन के समय अमृतपान करने के कारण इन्हें अमरत्व एवं देवत्व की प्राप्ति हुई, तभी से शंकर भक्त राहु अन्य ग्रहों के साथ ब्रम्हा जी की सभा में विराजमान रहते हैं इसीलिए इन्हें ग्रह के रूप में मान्यता मिली है।
- महर्षि कश्यप को उनकी पत्नी दनु के गर्भ से द्विमुर्धा , शम्बर , अरिष्ट , हयग्रीव , विभावसु , अरूण , अनुतापन , धूम्रकेश , विरूपाक्ष , दुर्जय , अयोमुख , शंकुशिरा , कपिल , शंकर , एकचक्र , महाबाहु , तारक , महाबल , स्वर्भानु , वृषपर्वा , महाबली पुलोम और विप्रचिति आदि 61 महान् पुत्रों की प्राप्ति हुई।