वृक्षराज का अर्थ
[ verikesraaj ]
वृक्षराज उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- वृक्षराज महाराज की जै …… . ।
- ओम वृक्षराज ! वमृद्धस्त्वं, त्रिषु लोकेशु वर्तसे।
- सर्वपापनाशक यह वृक्षराज अपने उपासक की मनोकामना पूर्ण करता है।
- वक्षों में सर्वश्रेष्ठ होने से वृक्षराज , धर्मवृक्ष आदि भी इसके नाम दिये हैं ।
- हे वृक्षराज ! तुम पर जो देवता रहते हैं , मैं उन्हीं की शरण में हूँ।
- पीपल को शास्त्रों में ” वृक्षराज ” कहा गया है जिसके अन्दर ३३ करोड देवी - देवताओं का वास होता है।
- इसके अतिरिक्त गुरु , गुह्यपुष्प , कपीतन , कृष्णावास , महाद्रुम , नागबन्धु , वृक्षराज , नारायणम् आदि अनेक नाम और भी इस पीपल वृक्ष के अन्य निघन्टुओं में मिलते हैं ।
- इसके अतिरिक्त गुरु , गुह्यपुष्प , कपीतन , कृष्णावास , महाद्रुम , नागबन्धु , वृक्षराज , नारायणम् आदि अनेक नाम और भी इस पीपल वृक्ष के अन्य निघन्टुओं में मिलते हैं ।
- | क्षमा करें | अब होली वाले दिन प्रातः सूर्य उदय हो जाने से पूर्व वह बांधा ले आये तथा गंधाक्षत पुष्प से मत्रोंपचार पूजा करें , देवदारु की धुप दें, मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाए | अब निम्र मन्त्र को 1008 बार जप कर बांदें को अपनी तिजोरी में जहां रकम गहने आदि रखते हैं, रख दे | ॐ वृक्षराज