शतपोरक का अर्थ
[ shetporek ]
शतपोरक उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- शतपोरक में गांठों की अधिकता होती है और गुण में वह बहुत कुछ कोशक के समान है।
- शतपोरक में गांठों की अधिकता होती है और गुण में वह बहुत कुछ कोशक के समान है।
- शतपोरक में गांठों की अधिकता होती है और गुण में वह बहुत कुछ कोशक के समान है।
- रूपरंग के अनुसार उसकी अनेक जातियां हैं जैसे पौंड्रक , भीसक, वंशक, शतपोरक, करंतार तापसेक्ष, कांडेक्ष, सूचीपत्र, नैपाल, दीर्घपत्र, नीलापोर, कोशक आदि।
- रूपरंग के अनुसार उसकी अनेक जातियां हैं जैसे पौंड्रक , भीसक, वंशक, शतपोरक, करंतार तापसेक्ष, कांडेक्ष, सूचीपत्र, नैपाल, दीर्घपत्र, नीलापोर, कोशक आदि।
- रूपरंग के अनुसार उसकी अनेक जातियां हैं जैसे पौंड्रक , भीसक , वंशक , शतपोरक , करंतार तापसेक्ष , कांडेक्ष , सूचीपत्र , नैपाल , दीर्घपत्र , नीलापोर , कोशक आदि।
- रूपरंग के अनुसार उसकी अनेक जातियां हैं जैसे पौंड्रक , भीसक , वंशक , शतपोरक , करंतार तापसेक्ष , कांडेक्ष , सूचीपत्र , नैपाल , दीर्घपत्र , नीलापोर , कोशक आदि।
- आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथों में " इक्षुवर्गः" का पृथक से उल्लेख है. रूपरंग के अनुसार उसकी अनेक जातियां हैं जैसे पौंड्रक, भीसक, वंशक, शतपोरक, करंतार तापसेक्ष, कांडेक्ष, सूचीपत्र, नैपाल, दीर्घपत्र, नीलापोर, कोशक आदि.