शिलाजतु का अर्थ
[ shilaajetu ]
शिलाजतु उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- पहाड़ों की चट्टानों से निकलने वाली एक प्रसिद्ध पौष्टिक काली औषध:"वैद्यजी ने उसे शिलाजीत दी है"
पर्याय: शिलाजीत, शिलाजित, शैलसंभव, शैलसम्भव, शिलाकुसुम, शिलाज, शिलानिर्यास, शिलास्वेद, शिलापुष्प, शिलाव्याधि, शैलपुष्प, शैलनिर्यास, शैलज, शैलाज, शैलाज, शैलेय, अश्मज, अगज, पाषाणजतु, मोमियाई, सर्व, पिण्याक, गैरेय
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- “मल” शब्द से शिलाजतु ( शिलाजीत), और लोहादि के जंग लिए जाते हैं.
- सुश्रुत ने ६ प्रकार के मल शिलाजतु कहे हैं , रसायन में चार कहे गए हैं.
- रात को सोते समय शिलाजतु वटी और प्रदरारि रस 2-2 गोली दूध के साथ लें।
- सुश्रुत ने ६ प्रकार के मल शिलाजतु कहे हैं , रसायन में चार कहे गए हैं .
- अयस्भस्म , मण्डुर भस्म, हीरा कासीस, अभ्रकभस्म, स्वर्णमाक्षिकभस्म, रससिन्दुर १-१ तोला, एलुवा, शिलाजतु २-२ तोले, कुटकी, शुद्ध गुग्गुल ५-५ तोले, इन सब का सुक्ष्म चुर्ण कर कुमारी रस मे मर्दन कर २-२ रत्ति की वटियां करें १-२ वटी गोक्षीर से प्रात:
- आयुर्वेद में ऐसे कई योग हैं , जिनमें शुद्ध शिलाजीत होती है जैसे सूर्यतापी शुद्ध शिलाजीत बलपुष्टिदायक है, शिलाजत्वादि वटी अम्बरयुक्त मधुमेह और शुक्रमेह नाशक है, शिलाजतु वटी आयुवर्द्धक है, वीर्यशोधन वटी स्वप्नदोष और धातु क्षीणता नाशक है, चंद्रप्रभावटी विशेष नं.
- आयुर्वेद में ऐसे कई योग हैं , जिनमें शुद्ध शिलाजीत होती है जैसे सूर्यतापी शुद्ध शिलाजीत बलपुष्टिदायक है, शिलाजत्वादि वटी अम्बरयुक्त मधुमेह और शुक्रमेह नाशक है, शिलाजतु वटी आयुवर्द्धक है, वीर्यशोधन वटी स्वप्नदोष और धातु क्षीणता नाशक है, चंद्रप्रभावटी विशेष नं.
- जंगमों में रोचना ( गोरोचना ) आदि पदार्थ विशेष रूप से उत्त्पन्न होते हैं , पर्थिवों में पॉँच धातु ताम्र ( ताम्बा ) , रजत ( चाँदी ) , त्रपु ( टीन ) , शीश ( सीसा ) कृष्णालोह ( लोहा ) , हैं , . “ मल ” शब्द से शिलाजतु ( शिलाजीत ) , और लोहादि के जंग लिए जाते हैं .