शुभग्रह का अर्थ
[ shubhegarh ]
शुभग्रह उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- फलित ज्योतिष के अनुसार शुभ या अच्छे ग्रह:"आपके लिए मंगल और वृहस्पति दोनों सुग्रह हैं"
पर्याय: सुग्रह
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- केन्द्र त्रिकण में शुभग्रह रहना ठीक है।
- पापी महादशेश में संबंधी शुभग्रह की अन्तर्दशा मिश्रित फल देगी।
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- 10 पक्षबल- कृष्णपक्ष में पापग्रह एवं शुक्लपक्ष में शुभग्रह बलवान होते हैं।
- लग्न में बलवान शुभग्रह हो तो कर्तरी दोष भंग हो जाता है।
- 11 अयण बल- उत्तरायण में शुभग्रह और दक्षिणायण में पापग्रह बलवान होते हैं।
- लग्न में बलवान शुभग्रह हो , तो कर्तरी दोष भंग हो जाता है।
- ( घ) एकादशेश और द्वितीयेश चतुर्थस्थ होंऔर चतुर्थेश शुभग्रह की राशि में शुभयुत या दृष्ट।
- लग्नेश शुभग्रह होकर यदि धनभाव में स्थित हो , तो जातक खजाना प्राप्त कर सकता है।
- यदि विवाह नक्षत्र में शुभग्रह का वेध हो तो ‘ पाद वेध ' होता है।