शोकरहित का अर्थ
[ shokerhit ]
शोकरहित उदाहरण वाक्य
परिभाषा
विशेषणउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- संतोष , वैराग्य और विवेक-ये अनेकों चकवे शोकरहित हो गये।।4।।
- हिन्दी में भावार्थ-इसके अलावा शोकरहित प्रवृत्ति से मन नियंत्रण में रहता है।
- हिन्दी में भावार्थ- इसके अलावा शोकरहित प्रवृत्ति से मन नियंत्रण में रहता है।
- सत्ययुगमा मानवसमाजले समस्त अभावहरूमाथि विजय प्राप्त गरेको थियो र समाज भोक , रोग, शोकरहित थियो।
- वह लक्षण है मार्ग पूरे करने का : कि जो शोकरहित और सर्वथा विमुक्त है।
- जिसने मार्ग पूरा कर लिया है वह शोकरहित हो ही जाएगा , क्योंकि वह सुख की आकांक्षा नहीं करता।
- आपके बाहुबाल से सब लोकपाल शोकरहित होकर बसते हैं और आपका नाम लेने से किसी का दुःख नहीं रह जाता ।
- तुलसीदासजी कहते हैं फिर लोक और परलोक में शोकरहित हुए उस प्राणी को तीनों लोकों में किसी योद्धा के आश्रित होने की क्या लालसा होगी ?
- तुलसी के हृदय में एकमात्र हनुमान् जी का भरोसा है , स्वप्न में भी लोक और परलोक की चिन्ता नहीं, शोकरहित हैं, रामचन्द्रजी के दुलारे शिव-स्वरुप (ग्यारह रुद्र में एक)
- भावार्थ : - ( केवल कलियुग की ही बात नहीं है , ) चारों युगों में , तीनों काल में और तीनों लोकों में नाम को जपकर जीव शोकरहित हुए हैं।