संवर्त्त का अर्थ
[ senvertet ]
संवर्त्त उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- कृष्ण के बड़े भाई जो रोहिणी के पुत्र थे:"बलराम शेषनाग के अवतार माने जाते हैं"
पर्याय: बलराम, दाऊ, बलदाऊ, बलदेव, बलभद्र, हलधर, बल, संकर्षण, प्रियमधु, तालभृत, तालांक, सीरी, अच्युताग्रज, अहीश, एककुंडल, कामपाल, कूटहंता, कूटहन्ता, तालकेतु, मधुप्रिय, रेवतीरमण, रेवतीश, सीताधर, सौनंदी, सौनन्दी, बकवैरी, वज्रदेह, लांगली, प्रपाली, बकबैरी, यमुनाभिद्, फाल - एक जंगली वृक्ष जिसके फल दवा के काम आते और त्रिफला के अन्तर्गत आते हैं:"इस जंगल में बहेड़े के कई पेड़ हैं"
पर्याय: बहेड़ा, बहेड़, बहेरा, बर्रा, मालुकाच्छद, संवर्त्तक, कल्क - एक जंगली वृक्ष का फल जो दवा के काम आता और त्रिफला के अन्तर्गत होता है:"वैद्यजी बहेड़ा पीस रहे हैं"
पर्याय: बहेड़ा, बहेड़, बहेरा, बर्रा, मालुकाच्छद, संवर्त्तक, कल्क
उदाहरण वाक्य
- इसकी शक्ति है विमला और भैरव को संवर्त्त कहते हैं।
- स्तम्भिनी विद्या में भी संवर्त्त सिद्धहस्त थे . इन्होंने इसविद्या के प्रभाव से इन्द्र को भी प्रभावित कर जड़ (निश्चल) कर दिया था.
- ( ऊ) स्तम्भिनी विद्या-- आश्मेधिक पर्व अध्याय-१० में वर्णन है कि "इन्द्र द्वारा मरुत्त पर जबवज्र का प्रहार करने की चेष्टा की गई तब मरुत्त के पुरोहित संवर्त्त नेस्तम्भिनी विद्या के प्रभाव से इन्द्र को जड़वत् बना दिया.