सम्प्रदान का अर्थ
[ semperdaan ]
सम्प्रदान उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- व्याकरण में वह कारक जिसमें देना शब्द क्रिया का लक्ष्य होता है अर्थात कर्ता जिसके लिए कुछ कार्य करता है अथवा जिसे कुछ देता है उसे व्यक्त करने वाले कारक रूप:"सम्प्रदान की विभक्ति के लिए है, जैसे - मेहमान के लिए खाना लगाओ"
पर्याय: संप्रदान, संप्रदानकारक, सम्प्रदानकारक, संप्रदान कारक, सम्प्रदान कारक
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- पीछे वह कर्म और सम्प्रदान में नियत -सी
- सम्प्रदान के लिए भलाई॥अपादान से जाये गरूर ।
- के लिए जिसके लिए काम हो सम्प्रदान
- करण - सम्प्रदान - सूँ , ऊँ
- कर्म - सम्प्रदान - नै , ने , कने , रै
- यह तीर्थ स्थल नाथ सम्प्रदान के पवित्र गुरू मत्स्येन्द्रनाथ को समर्पित है।
- आजकल की अवधी बोलचाल में कर्म और सम्प्रदान का चिन्ह है और
- शायद उद्धरण का एक सम्प्रदान कारक : - इस आशा के संदर्भ में हमारा उद्धार हुआ।
- “कर्ता ने , कर्म को, करण से, सम्प्रदान के लिए, अपादान से संबंध का के की, अधिकरण…”
- लेखक ने कर्मकारक एवं सम्प्रदान कारक का रूप ‘‘कुँ” माना है जो दक्खिनी हिन्दी के प्रभाव के कारण है।