सर्वतोभाव का अर्थ
[ servetobhaav ]
सर्वतोभाव उदाहरण वाक्य
परिभाषा
क्रिया-विशेषणउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- इस दशा में सर्वतोभाव से मौलिक रचन करना परम दुस्तर है।
- इस दशा में सर्वतोभाव से मौलिक रचन करना परम दुस्तर है।
- इसने मिस्र देश को सर्वतोभाव से अधीन किया और बड़ी भारी सेना
- उन्होंने वैष्णव , अद्वैत और तान्त्रिक मतों के अतिरिक्त इस्लाम व ईसाई मत का भी गहन अध्ययन किया और ईश्वर सर्वतोभाव की खोज की।
- ये जो कुछ सिखाते हैं , वह पास करने या पंडित बनाने के लिए नहीं , बल्कि सर्वतोभाव से मनुष्य बनाने के लिए ही सिखाते हैं।
- आप जहाँ तक जानते हैं , महाकवि श्री हर्ष के काव्य में ' सर्वत्र गाँठें ही गाँठें ' हैं और पं . श्रीधारजी की कविता ' सर्वतोभाव से प्रशंसित ' है।
- आप जहाँ तक जानते हैं , महाकवि श्री हर्ष के काव्य में ' सर्वत्र गाँठें ही गाँठें ' हैं और पं . श्रीधारजी की कविता ' सर्वतोभाव से प्रशंसित ' है।
- प्रकृति के दो स्वरूप हैं - विद्यात्मक और अविद्यात्मक | इनमें अविद्यात्मक प्रकृति का स्वरूप अज्ञान है | इसी अज्ञान से उत्पन्न अहंकार , आसक्ति आदि दोषों के वश में होकर मनुष्य प्रायः पाप में प्रवृत्त होता है | इस अविद्या के वश में न होकर मनुष्य जब ईश्वर द्वारा दिये गए अधिकार के अनुसार कार्य करता है तो वह सर्वतोभाव से सुखी रहकर अंत में परम सुख को प्राप्त करता है |