साखि का अर्थ
[ saakhi ]
साखि उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- जड़, तने, शाखा तथा पत्तियों से युक्त बहुवर्षीय वनस्पति:"पेड़ मनुष्य के लिए बहुत ही उपयोगी हैं"
पर्याय: पेड़, वृक्ष, पादप, द्रुम, तरु, तरुवर, दरख़्त, दरख्त, विटप, रुक्ष, रूख, विटपी, रूँख, अघ्रिप, अग, अनोकह, साखी, अमंद, अमन्द, शिखरी, शिखी, अर्क, स्कंधी, स्कन्धी, बीरो, जर्ण, पुलाकी, भूमिजात, आसना, प्रतिबंधक, प्रतिबन्धक, पल्लवी, रूखड़ा, रूखरा, नख्ल, नख़्ल - वह जिसने कोई घटना अपनी आँखों से देखी हो:"पुलिस इस हत्या के सिलसिले में प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ कर रही है"
पर्याय: प्रत्यक्षदर्शी, साक्षी, चश्मदीद गवाह, चश्मदीद, अनुभावी, गवाह, साखी - वह जो किसी विवाद के विषय में अपनी जानकारी बतलाए:"इस मामले में प्रतिवादी ने झूठे गवाह पेश किए"
पर्याय: गवाह, साक्षी, शाहिद, साखी
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- याद करहु जो अगिनि साखि दै पकरयौ मेरो हाथ।
- बिनुऽपराध भृगुपति नहुष बेनु बृकासुर साखि ॥
- निगम जाकी साखि बोलैं कथैं संत सुजान।
- मंगोलि या के राष् ट्रपति साखि या एलबेजोर् ज . ..
- और पातसाहन के हुती चाह हिन्दुन की अकबर साहजहां कहै साखि तबकी
- जालंधरनाथ के शिष्य कुण्णपाद ( कानपा) ने कहा है: 'साखि करब जालंधरि पाए', अस्तु बहुत थोड़ी-सी रमैनियाँ (नं.
- नैन बान नैनन लग्यो , भयो करेजे घाय (रसरत्नाकर से) जाहि बिबाहि दियो पितु मातु नै पावक साखि सबै जन जानी।
- के अपभ्रंश साहित्य में भी प्रत्यक्षदर्शी के रूप में साखी का प्रयोग हुआ है , जैसे 'साखि करब जालंधर पाए ' (सिद्ध कण्हृपा)।
- नैन बान नैनन लग्यो , भयो करेजे घाय ( रसरत्नाकर से ) जाहि बिबाहि दियो पितु मातु नै पावक साखि सबै जन जानी।
- जालंधरनाथ के शिष्य कुण्णपाद ( कानपा ) ने कहा है : ' साखि करब जालंधरि पाए ' , अस्तु बहुत थोड़ी-सी रमैनियाँ ( नं .