सुखेच्छा का अर्थ
[ sukhechechhaa ]
सुखेच्छा उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- मनुष्य की सुखेच्छा कितनी प्रबल , कितनी शक्तिशालिनी निकली!
- सुखेच्छा कितनी प्रबल , कितनी शक्तिशालिनी निकली!
- इसी तरह केवल वही सुखी हैं जो अन्य लोगों की सुखेच्छा में कार्यरत हैं।
- हर व्यक्ति दूसरों की सुख सुविधा का अधिक और अपनी तृष्णा एवं सुखेच्छा का कम ध्यान रखे तभी समाज में प्रेम , सहयोग , सदभाव , सुव्यवस्था और सुख समृद्धि सम्भव है।