सुबन्धु का अर्थ
[ subendhu ]
सुबन्धु उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- एक ऋषि:"सुबंधु का वर्णन पुराणों में मिलता है"
पर्याय: सुबंधु, सुबंधु ऋषि, सुबन्धु ऋषि
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- वृहत्कथा का प्रभाव ' दण्डी' के “दशकुमार चरित”, 'वाणभट्ट' की “कादम्बरी”, 'सुबन्धु' की
- वृहत्कथा का प्रभाव ' दण्डी ' के “दशकुमार चरित ”, 'बाणभट्ट ' की “कादम्बरी ”, 'सुबन्धु '
- संस्कृत में गद्य काव्य लिखनेवाले महाकवि सुबन्धु के ग्रन्थ ‘ वासवदत्ता ' में यायावरी के कई मनोरम दृश्य हैं।
- वृहत्कथा का प्रभाव ' दण्डी' के “दशकुमार चरित”, 'बाणभट्ट' की “कादम्बरी”, 'सुबन्धु' की “वासवदत्ता”, 'धनपाल' की “तिलकमंजरी”, 'सोमदेव' के “यशस्तिलक” तथा “मालतीमाधव”, “अभिज्ञान शाकुन्तलम्”, “मालविकाग्निमित्र”, “विक्रमोर्वशीय”, “रत्नावली”, “मृच्छकटिकम्” जैसे अन्य काव्यग्रंथों पर साफ-साफ परिलक्षित होता है।
- मेरा हिन्दी ज्ञान सीमित हो सकता है लेकिन कुछ खास हिन्दी विद्धान अपने वाक्य प्रयोग और वाक्य विन्यास के कारण मुझे हिन्दी की महान विभूतियों के बजाय संस्कृत के महान गद्यकारों बाणभट्ट और सुबन्धु की याद दिलाते हैं।
- वृहत्कथा का प्रभाव ' दण्डी ' के “ दशकुमार चरित ” , ' वाणभट्ट ' की “ कादम्बरी ” , ' सुबन्धु ' की “ वासवदत्ता ” , ' धनपाल ' की “ तिलकमंजरी ” , ' सोमदेव ' के “ यशस्तिलक ” तथा “ मालतीमाधव ” , “ अभिज्ञान शाकुन्तलम् ” , “ मालविकाग्निमित्र ” , “ विक्रमोर्वशीय ” , “ रत्नावली ” , “ मृच्छकटिकम् ” जैसे अन्य काव्यग्रंथों पर साफ-साफ परिलक्षित होता है।
- वृहत्कथा का प्रभाव ' दण्डी ' के “ दशकुमार चरित ” , ' वाणभट्ट ' की “ कादम्बरी ” , ' सुबन्धु ' की “ वासवदत्ता ” , ' धनपाल ' की “ तिलकमंजरी ” , ' सोमदेव ' के “ यशस्तिलक ” तथा “ मालतीमाधव ” , “ अभिज्ञान शाकुन्तलम् ” , “ मालविकाग्निमित्र ” , “ विक्रमोर्वशीय ” , “ रत्नावली ” , “ मृच्छकटिकम् ” जैसे अन्य काव्यग्रंथों पर साफ-साफ परिलक्षित होता है।
- वृहत्कथा का प्रभाव ' दण्डी ' के “ दशकुमार चरित ” , ' वाणभट्ट ' की “ कादम्बरी ” , ' सुबन्धु ' की “ वासवदत्ता ” , ' धनपाल ' की “ तिलकमंजरी ” , ' सोमदेव ' के “ यशस्तिलक ” तथा “ मालतीमाधव ” , “ अभिज्ञान शाकुन्तलम् ” , “ मालविकाग्निमित्र ” , “ विक्रमोर्वशीय ” , “ रत्नावली ” , “ मृच्छकटिकम् ” जैसे अन्य काव्यग्रंथों पर साफ-साफ परिलक्षित होता है।