सुर्ख़रू का अर्थ
[ surekheru ]
सुर्ख़रू उदाहरण वाक्य
परिभाषा
विशेषणउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- ज़रे सुर्ख़रू का मीर अजवा आफ़ताब कहलाता है .
- मां हमें रण में सुर्ख़रू रखना
- आशिक़ी में सुर्ख़रू नाम-ए-ख़ुदा होने लगे
- आयीं और खुदा ने मेरी सुन ली और तुझे कामयाब व सुर्ख़रू किया।
- कि दिलफ़िगार सुर्ख़रू और कामयाब होकर लौटा है और दरबार में हाज़िर होना
- जब भी बहता है मेहनतकश का लहू सड़कों पर , परचम और अधिक सुर्ख़रू हो जाता है।
- वो सुर्ख़रू नज़र आता है इस लिए ' बर्क़ी ' ! है उसके चेहरे का , ख़ूने जिगर मेरा , ग़ाज़ा
- ख़ैर बेटा , तुमने अपनी मर्ज़ी का काम किया … ख़ुदा तुम को सुर्ख़रू और कामयाब करे , लेकिन याद रखना , अगर जंग बिगड़ गई तो माबदौलत को क्या मुँह दिखाओगे … माबदौलत की राय बूँदी के राजा राव शत्रुसाल से क़तई अलग नहीँ है .
- हो गई बन् द आज जिनकी जुबां कल का इतिहास उन् हें पुकारेगा जो बहादुर लहू में डूब गए वक़्त उन् हें और भी उभारेगा साँस टूटे तो ग़म नहीं माता जंग में दिल न टूटने पाए हाथ कट जाएँ जब भी हाथों से तेरा दामन न छूटने पाए माँ हमें रण में सुर्ख़रू रखना अपने बेटों की आबरू रखना
- क् यों न हो नाज़ ख़ाकसारी पर तेरे क़दमों की धूल हैं हम लोग आज आए हैं तेरे चरणों में तू जो छू दे तो फूल हैं हम लोग देश भगती भी हम पे नाज़ करे हम को आज ऐसी देश भगती दे तेरी जानिब है दुश् मनों की नज़र अपने बेटों को अपनी शक् ती दे माँ हमें रण में सुर्ख़रू रखना अपने बेटों की आबरू रखना