स्थायी-भाव का अर्थ
[ sethaayi-bhaav ]
स्थायी-भाव उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- साहित्य में, वे मूल तत्व जो मूलतः मनुष्यों के मन में प्रायः सदा निहित रहते हैं और कुछ विशिष्ट अवसरों पर अथवा कुछ विशिष्ट कारणों से स्पष्ट रूप से प्रकट होते हैं:"रति, हास्य, शोक, क्रोध, उत्साह, भय, जुगुप्सा, विस्मय आदि स्थायीभाव भरत के नाट्यशास्त्र में हैं"
पर्याय: स्थायीभाव, स्थायी भाव
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- गीतों से यही स्थायी-भाव चला गया है।
- शिकायतें हमारा स्थायी-भाव है ( सिर्फ मेरा ही नहीं , हम सबका ) ।
- फिर हिंदी में व्यामोह ( 'पैरेनोइआ') और षड्यंत्र-सिद्धांत ('कॉन्स्पिरेसी थियरी') लगभग स्थायी-भाव हैं सो अलग.
- फिर हिंदी में व्यामोह ( 'पैरेनोइआ') और षड्यंत्र-सिद्धांत ('कॉन्स्पिरेसी थियरी') लगभग स्थायी-भाव हैं सो अलग.
- लेकिन छावनी के सैनिकों के मन का यह भाव बाबा के मन का स्थायी-भाव नहीं बन सका था।
- संबंध-सुधार के नए समीकरण अगर स्थायी-भाव बन जाएं तो बहुत अच्छा लेकिन इस स्वप्न-महल को धराशायी करने के लिए सिर्फ एक आतंकवादी धमाका ही काफी है।
- आदरणीय भाई राजेन्द्र जी की आध्यात्मिक रचना आत्मावलोकन करने के लिये उत्प्रेरित करती है स्वयं ही स्वयं की मूरत ( अंत : स्थल ) में उतरकर अंतस की कुन्डलनी मूलाधार से सहस्त्रार तक जाग्रत करना पड़ेगी तब जाकर स्व तत्व विलीन होगा , और शांति , मुक्ति का स्थायी-भाव संचरित होगा ..
- इस विकास का ना तो सरकार से कोई मतलब था नहीं यह स्थायी-भाव रहेगा . दूसरा कारण जिसका श्रेय नीतीश की सरकार को जाता है ( और मोदी को भी ) है इन्फ्रा-स्ट्रक्चर में सड़क आदि पर हुए खर्च ( जिसमें केन्द्रीय अनुदान और योजनाओं का बड़ा योगदान है भले हीं हो , राज्य - सरकार द्वारा ईमानदारी से इसे इमली जामा पहनाना एक बड़ा काम था ) का जी डी पी में शामिल होना .
- आखिर क्यों ? इसीलिए कि जिदंगी भर चापलूसी करते-करते हकलाना उनकी जबान का स्थायी-भाव बन गया है | वे अपने विवेक को सोने भेज देते हैं और खुद जी-हुजूरी के खर्राटे खींचते हैं | जिन्हें हम ‘ महामहिम ' कहते हैं वे संविधान की हंडियॉं में खुले-आम छेद करते हैं | इससे बड़ा चापलूसी का प्रमाण क्या होगा कि संसद में बैठा पूरा का पूरा सत्तारूढ़ दल आपात्काल पर मुहर लगा देता है और पत्र्कारिता मानहानि-विरोधी विधेयक पारित कर देता है ?