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स्थित-प्रज्ञ का अर्थ

[ sethit-perjeny ]
स्थित-प्रज्ञ उदाहरण वाक्य

परिभाषा

विशेषण
  1. जिसकी विवेक-बुद्धि स्थिर हो या जो सुख-दुख आदि मनोविकारों से विचलित न होता हो:"स्थितप्रज्ञ व्यक्ति कभी दुखी नहीं होता"
    पर्याय: स्थितप्रज्ञ
संज्ञा
  1. वह व्यक्ति जिसकी विवेक-बुद्धि स्थिर हो या जो सुख-दुख आदि मनोविकारों से विचलित न होता हो:"गीता में स्थितप्रज्ञ के लक्षण बताए गए हैं"
    पर्याय: स्थितप्रज्ञ

उदाहरण वाक्य

  1. उन्होंने स्थित-प्रज्ञ भाव से उनका यथोचित सामना किया।
  2. स्थित-प्रज्ञ होने का उपाय कोई बताये
  3. राजनीति की रपटीली राहों में उतार-चढ़ाव के मध्य स्थित-प्रज्ञ भाव से अटल रहना , निश्चित रूप से प्रेरणास्पद है।
  4. म८ो की बात यह है कि देखने में ये कविताएँ लापरवाह , बल्कि स्थित-प्रज्ञ सी लगती हैं, जैसे कह रही हों-दुनिया तो भांड़ में जा ही चुकी है, अब मुझे इससे बहुत लेना-देना नहीं है, बात निकली है तो कहे दे रही हूँ।
  5. भावार्थ : जिस प्रकार अनेकों नदियाँ सभी ओर से परिपूर्ण , दृड़-प्रतिष्ठा वाले समुद्र में समुद्र को विचलित किए बिना ही समा जाती हैं , उसी प्रकार सभी इच्छायें स्थित-प्रज्ञ मनुष्य में बिना विकार उत्पन्न किए ही समा जाती हैं , वही मनुष्य परम-शान्ति को प्राप्त होता है , न कि इन्द्रिय सुख चाहने वाला।


के आस-पास के शब्द

  1. स्थायीभाव
  2. स्थावर
  3. स्थावर संपत्ति
  4. स्थित
  5. स्थित होना
  6. स्थितप्रज्ञ
  7. स्थिति
  8. स्थिति विज्ञान
  9. स्थिर
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