स्पन्द का अर्थ
[ sepned ]
स्पन्द उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- पवन की तरंग से , समीर के स्पन्द से
- पर और जीव को स्पन्द होती है ।
- उसमें चित्त संवेदन स्पन्द रूप है ।
- यही प्रसार-संकोच रूप स्पन्द कहा जाता है।
- नित्य स्पन्द तो स्वयं सिद्घ है।
- मात्र नि : स्पन्द देह ...
- मात्र नि : स्पन्द देह ...
- क्रम , कुल, स्पन्द, और प्रत्यभिज्ञ इसके चार अंग माने जाते हैं।
- क्रम , कुल, स्पन्द, और प्रत्यभिज्ञ इसके चार अंग माने जाते हैं।
- उसका स्पन्द ही सब तत्व रूपों से भासित हो रहा है।