स्पर्शेंद्रिय का अर्थ
[ sepreshenedriy ]
स्पर्शेंद्रिय उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- वह इंद्रिय जिससे स्पर्श का ज्ञान होता है:"त्वचा स्पर्शेंद्रिय है"
उदाहरण वाक्य
- यदि व्यक्ति के पास स्पर्शेंद्रिय न होती तो रीति काल की कविता भी नहीं होती।
- वर्ण , आकृति, लंबाई, चौड़ाई आदि प्रमाण तथा छाया आदि का ज्ञान नेत्रों द्वारा, गंधों का ज्ञान ्घ्रााणेंद्रिय तथा शीत, उष्ण, रूक्ष, स्निग्ध एवं नाड़ी आदि के स्पंदन आदि भावों का ज्ञान स्पर्शेंद्रिय द्वारा प्राप्त करना चाहिए।
- , गंधों का ज्ञान घ्राणेंद्रिय ( सून्घकर- स्मेलिन्ग ) तथा शीत , उष्ण , रूक्ष , स्निग्ध एवं नाड़ी आदि के स्पंदन आदि भावों का ज्ञान स्पर्शेंद्रिय ( छू कर- फ़ीलिन्ग ) द्वारा प्राप्त करना चाहिए।
- वर्ण , आकृति, लंबाई, चौड़ाई आदि प्रमाण तथा छाया आदि का ज्ञान नेत्रों द्वारा, गंधों का ज्ञान ्घ्रााणेंद्रिय तथा शीत, उष्ण, रूक्ष, स्निग्ध एवं नाड़ी आदि के स्पंदन आदि भावों का ज्ञान स्पर्शेंद्रिय द्वारा प्राप्त करना चाहिए।
- वर्ण , आकृति, लंबाई, चौड़ाई आदि प्रमाण तथा छाया आदि का ज्ञान नेत्रों द्वारा, गंधों का ज्ञान घ्राणेन्द्रिय तथा शीत, उष्ण, रूक्ष, स्निग्ध एवं नाड़ी आदि के स्पंदन आदि भावों का ज्ञान स्पर्शेंद्रिय द्वारा प्राप्त करना चाहिए।