स्वरभंग का अर्थ
[ sevrebhenga ]
स्वरभंग उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- गला बैठने और स्पष्ट स्वर न निकलने का रोग:"गायक स्वरभंग से पीड़ित है"
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- स्वरभंग सूखा , कर्कश, सिकुड़ा हुआ. स्वरयंत्रका क्षयरोग.
- यह स्वरभंग तथा वात , पित्त को शान्त करती है।
- उसके गल जाने के बाद स्वरभंग तुरंत आराम हो जाता है।
- उसके गल जाने के बाद स्वरभंग तुरंत आराम हो जाता है।
- स्वरभंग हो जाए तो पिप्पली का पावडर शहद के साथ चाटें .
- स्वरभंग : सुहागा को पीसकर चुटकी भर चूसने से बैठी हुई आवाज खुल जाती है।
- इसका उपयोग दमा का दौरा पड़ने व स्वरभंग ( गला बैठना ) में भी लाभकारी होता है।
- सात्विक अनुभाव : अर्थात (अनिच्छित)आठ भेद हैं - स्तंभ, स्वेद, रोमांच, स्वरभंग, वेपथु (कम्प), वैवर्ण्य, अश्रु और प्रलय।
- इससे खांसी , जुकाम , स्वरभंग ( गला बैठना ) आदि रोगों में बहुत जल्द लाभ मिलता है।
- इससे खांसी , जुकाम , स्वरभंग ( गला बैठना ) आदि रोगों में बहुत जल्द लाभ मिलता है।