हिरण्यस्तूप का अर्थ
[ hirenyestup ]
हिरण्यस्तूप उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- एक वैदिक ऋषि:"हिरण्यस्तूप का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है"
पर्याय: हिरण्यस्तूप ऋषि
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- जिनमें से महर्षि कुत्स , हिरण्यस्तूप, सप्तगु, नृमेध , शंकपूत, प्रियमेध, सिन्धुसित, वीतहव्य, अभीवर्त, अंगिरस, संवर्त तथा हविर्धान आदि मुख्य हैं।
- जिनमें से महर्षि कुत्स , हिरण्यस्तूप, सप्तगु, नृमेध , शंकपूत, प्रियमेध, सिन्धुसित, वीतहव्य, अभीवर्त, अंगिरस, संवर्त तथा हविर्धान आदि मुख्य हैं।
- अथा नो वस्यसस्कृधि ॥ १ ॥ [ ऋषि : हिरण्यस्तूप आंगिरस ; देवता : पवमान सोम ; छंद : गायत्री ]
- अथा नो वस्यसस्कृधि ॥ १ ॥ [ ऋषि : हिरण्यस्तूप आंगिरस ; देवता : पवमान सोम ; छंद : गायत्री ]
- तपश्चात जब हमारे ( हिरण्यस्तूप ऋषि) पिता अंगिरा ऋषि ने आपको पुत्र रूप मे आविर्भूत किया, तब देवतओ ने मनु की पुत्री इळा को शासन-अनुशासन(धर्मोपदेश) कर्त्री बनाया॥११॥
- जिनमें से महर्षि कुत्स , हिरण्यस्तूप , सप्तगु , नृमेध , शंकपूत , प्रियमेध , सिन्धुसित , वीतहव्य , अभीवर्त , अंगिरस , संवर्त तथा हविर्धान आदि मुख्य हैं।
- जिनमें से महर्षि कुत्स , हिरण्यस्तूप , सप्तगु , नृमेध , शंकपूत , प्रियमेध , सिन्धुसित , वीतहव्य , अभीवर्त , अंगिरस , संवर्त तथा हविर्धान आदि मुख्य हैं।