अग्निमांद्य उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- रोग क्रमश: अग्निमांद्य (dyspepsia) और उदरवायु (flatulence) की शिकायत करने लगता है।
- अग्निमांद्य या जठराग्नि का मंद होना ही अतिकृशता का प्रमुख कारण है।
- अग्निमांद्य या जठराग्नि का मंद होना ही अतिकृशता का प्रमुख कारण है।
- सेंधा नमक डालकर चबाने से भूख खुलती है एवं अग्निमांद्य नष्ट होता है।
- मालूम पड़े और शरीर में हड़फुटन हो तो समझिए कि अग्निमांद्य से पीड़ित हैं
- अजीर्ण, अग्निमांद्य, अरुचि गुल्म, संग्रहणी, व गले के रोगों में।
- चातुर्भद्र चूर्ण: बालकों के सामान्य रोग, ज्वर, अपचन, उल्टी, अग्निमांद्य आदि पर गुणकारी।
- चातुर्भद्र चूर्ण: बालकों के सामान्य रोग, ज्वर, अपचन, उल्टी, अग्निमांद्य आदि पर गुणकारी।
- दुबलेपन के कारण: अग्निमांद्य या जठराग्नि का मंद होना ही अतिकृशता का प्रमुख कारण है।
- 3. सिरका और अदरक बराबर-बराबर मिलाकर भोजन से पहले नित्य खाने से अग्निमांद्य दूर होगा।