गहरी उदासी से उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- यह भी सच है कि कुछ रचनाएँ तब लिखती हूँ जब मन गहरी उदासी से घिरा होता है, कुछ तब जब शरीर पीडा से युद्ध कर थक गया होता है ।
- अगर उनके निजी चिकित्सक सेना के डाक्टर कर्नल इलाहीबख्श पर भरोसा करें तो मौत के कुछ दिन पहले जिन्ना ने गहरी उदासी से कहा था-डाक्टर, पाकिस्तान मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी भूल है।
- खुशी में तो हम सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं … पर उदासी में नहीं … ये लाइन इसी गहरी उदासी से निकली है और बताती है कि फुरसतिया के अंदर एक गंभीर चिन्तक रहता है-“
- पसलियों में एक ख़ास झुरझुरी महसूस करता सुधीर लेकिन तब दास आंटी की गालियां, ढेले, मौत किसी चीज़ की परवाह नहीं करता क्योंकि वह अपने भीतर की नफ़रत और गहरी उदासी से किसी भी सूरत मुक्त हो जाना चाहता था!
- जब मैं इन २०-२२ साल के युवाओं को देखती हूं, तो एक गहरी उदासी से भर जाती हूं और मेरे मन में यही सहज सवाल उठता है कि आखिर वह क्या वजह रही होगी जिसने उन्हें यहां ला छोड़ा है?
- खुशी में तो हम सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं… पर उदासी में नहीं…ये लाइन इसी गहरी उदासी से निकली है और बताती है कि फुरसतिया के अंदर एक गंभीर चिन्तक रहता है-“कभी-कभी लगता है कि अपना सारा देश एक बहुत बड़ा मॉल होता।
- यहां कहीं प्रशासनिक अधिकारियों की हवस और बर्बरता की शिकार प्रतिभाशाली आदिवासी लड़की दीपा मुर्मू है, तो कहीं अमेरिकी बमबारी में अपना हाथ गंवाने वाला इराकी बच्चा अली इस्माइल अब्बास और कहीं गर्मी की आग-सी हवा और जाडे़ की बेहद ठंडी शामों अंडे बेचता गहरी उदासी से भरा अली हुसेन, तो कहीं घृणा के साथ दिए जाने वाले भीख को ठुकराता भिखारी है।
- कितने हुलस से-हरस से नदी नहाने गए हम घाट पर कीचड़-गंध से घिना उट्ठा हमारा मन फिर लौट चले हम नहाए बिना ही नदी की हालत देख गहरी उदासी से भर गया हमारा मन वह तो दूसरे दिन घाट की सफ़ाई में जुटे जब लोग कीचड़-काई को उखाड़ फेंका निहार-निहार यह खिलखिला उट्ठी नदी और क़तरा-क़तरा बह चली नदी की प्रसन्न-निर्मलता फिर-फिर तो नदी में डुबकी लगाते-नहाते धुल गयी हमारी सारी ग्लानि!
- फूल को चकित देख, दरख्त ने पूछा-क्यों तुम इतने खामोश हो? क्या जीवन तुम्हें वर्तुल नहीं लगता? तो फिर तुम्हारी दृष्टि में “ जीवन क्या है? ” फूल गहरी उदासी से, हौले-हौले बोला-जीवन एक महायात्रा है, जो सूर्य की सुनहरी किरणों से शुरू होकर दिन के उजाले से गुजरती हुई संध्या झुटपुटे से सरकती हुई रात के गहन अँधेरे में खो जाती है!