पितृपूजा उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- उत्तराखंड में भी हिन्दू धर्म को मानने वाले लोग प्रतिदिन पितृपूजा कर चिड़ियों तथा जानवरों के लिये पत्तलों में खाना घर के बाहर रख देते हैं।
- किन्तु जब कोई विषम तिथि (एकादशी, त्रयोदशी आदि) में पितृपूजा करता है और विषम नक्षत्रों (कृत्तिका, मृगशिरा आदि) में ऐसा करता है तो भाग्यशाली संतति प्राप्त करता है।
- कहा जाता है कि वे सभी पूर्वज जिनका अब तक पुर्नजन्म नहीं हुआ रहता है वे सब वायु में विद्यमान रहते हैं तथा देवप्रयाग में उनकी पितृपूजा करने से उन्हें प्रेतयोनि से मुक्ति मिलती है इसलिये कि देवप्रयाग एक धार्मिक स्थान है, जो मुक्ति प्रदान करता है।
- जिसके लिए धार्मिक दृष्टि से ब्रह्म अंश माने गए ब्राह्मण या फिर विद्वान व गुणी लोगों का सम्मान, दान, सेवा, धर्म से जुड़ी ज्ञान की चर्चा, देव महिमा या स्मरण से जुड़ी स्तुतियों व मंत्रों का नित्य पाठ, स्वाहा, स्वधा, स्वस्ति यानी यज्ञ-हवन, पितृपूजा कर्म व विवाह, संस्कारों से जुड़े मंगल कार्यों को करने का महत्व बताया गया है।