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प्रथम प्रकाश उदाहरण वाक्य

प्रथम प्रकाश अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. माना जाता है कि ” राधा का प्रथम प्रकाश संभवत: हाल की प्राकृत रचना गाहासतसई या गाथा सप्तशती में हुआ जो प्रथम शताब्दी की रचना है।
  2. न्याय-सम्पन्न वैभव, शिष्टाचार, प्रशंसा आदि ३५ गुण मार्गानुसारी कीभूमिका के द्योतक हैं, जिनका वर्णन योगशास्त्र के प्रथम प्रकाश के श्लोकसंख्या ४६ से ५६ तक में किया गया है.
  3. इस प्रकार `योगशास्त्र ' प्रथम प्रकाश में योग की महिमा, योग के स्वरूप, योग-साधना से उपलब्ध होने वाली लब्धियाँ, चारित्र-~ आचार साधना में साधुके पाँच महाव्रतों, उनकी २५ भावनाओं तथा साधु-धर्म एवं श्रावक-धर्म कावर्णन हैं.
  4. ऊपर दिये हुये विवरणों से यह स्पष्ट ही हो गया होगा कि यदि ग्रीनविच देशान्तर को समय के माप का आधार माना जायें तो अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा को ही ऐसा क्षेत्र माना जा सकता है जहां पर सूरज दिन का प्रथम प्रकाश बरसाता है।
  5. आज जो मैं महान भारत, विश्वगुरू भारत, ज्ञान का प्रथम प्रकाश भारत, विश्व का सर्वश्रेष्ठ धर्म हिंदुत्व आदि-आदि के बारे में थोड़ा-बहुत सच बोल-लिख गया, तुरंत बाल ठाकरे, उध्दव ठाकरे, आडवाणी-जोशी-मोदी जैसे सत्य के पुतले दूध के धुले आर्य, हिंदू, भारतीय वीर मुझ पर टूट पड़ेंगे।
  6. कली की सुगंधि से ही वह पहिले आकर्षित हुआ था और उसके सौंदर्य को देखकर उसके हृदय से संगीत फूट पड़ा था-खिली थीं जब तुम, प्रथम प्रकाश, पवन कंपित नव यौवन हास, वृंत पर टलमल उज्जवल प्राण नवल यौवन कोमल, नव ज्ञान सुरभि से मिला आशु आह्नान प्रथम फूटा प्रिय, मेरा गान।
  7. ज्येष्ठ (१) ज्येष्ठ! क्रूरता-कर्कशता के ज्येष्ठ! सृष्टि के आदि! वर्ष के उज्जवल प्रथम प्रकाश! अन्त! सृष्टि के जीवन के हे अन्त! विश्व के व्याधि! चराचर दे हे निर्दय त्रास! सृष्टि भर के व्याकुल आह्वान!-अचल विश्वास! देते हैं हम तुम्हें प्रेम-आमन्त्रण, आओ जीवन-शमन, बन्धु, जीवन-धन!
  8. फिर गुरुदास उसे बड़े ही प्यार से पुचकारकर बुलाता, बड़े से दोने में भरकर जलेबी लाने में वह कभी कंजूसी नहीं दिखाता था और जिसे जीवन के पंद्रह वर्षों में मिठाई तो दूर, भरपेट अन्न भी न जुटा हो, उसके लिए नित्य जलेबी का दोना पकड़ाने वाला पति परमेश्वर नहीं तो और क्या होता! गुरुदास चंदो के अंधकारमय जीवन का प्रथम प्रकाश था।
  9. जासं, लुधियाना श्री गुरु ग्रंथ साहिब के प्रथम प्रकाश पर्व की याद और श्री गुरु नानक देव जी विवाह पर्व के संदर्भ में मंगलवार को गुरुद्वारा गोघाट पर विशाल नगर कीर्तन का आयोजन किया गया। इस दौरान नगर कीर्तन जहां से भी गुजरा, संगत ने शानदार स्वागत किया। इस दौरान गुरु ग्रंथ साहिब की छत्रछाया व पांच प्यारों की अगुवाई में नगर कीर्तन रवाना हुआ। यह नगर कीर्तन गोघाट से होकर तीन नंबर डिवीजन, चौड़ी सड़क, गिरिजाघर चौक, रेलवे स्टेशन, जेल रोड, फील्डगंज, गुरुद्वारा कलगीधर, ब्राउन रोड, सीएमसी चौक, गुरुद्व
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