मत्स्यकन्या उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- मैं रोज समंदर के किनारे पर आकर बैठता हूँ | उसका इंतजार करता हूँ | शायद मत्स्यकन्या को कभी विचार आए कि मैं उन इंसानों में से नहीं हूँ | पूर्ण श्रद्धा के साथ मैं घंटों तक बैठा रहता हूँ | मगर अभी भी मत्स्यकन्या बाहर आई नहीं हैं |
- मैं रोज समंदर के किनारे पर आकर बैठता हूँ | उसका इंतजार करता हूँ | शायद मत्स्यकन्या को कभी विचार आए कि मैं उन इंसानों में से नहीं हूँ | पूर्ण श्रद्धा के साथ मैं घंटों तक बैठा रहता हूँ | मगर अभी भी मत्स्यकन्या बाहर आई नहीं हैं |
- सोच ही नहीं सकता, यह वास्तविकता थी | हाँ, मै इतना जरूर चाहता था कि अगर मत्स्यकन्या मेरे साथ किनारे पर आए तो उनके लिए मैं जरूर कुछ कर सकता था | मैंने उसका हाथ पकड़ लिया | हम दोनों एक साथ तैरते हुए किनारे तक पहुंचे |
- मत्स्यकन्या से उत्पन्न महाज्ञानी पाराशर ऋषि के निर्मल मन को पाप छू नहीं सका क्योंकि वह नारी के भोग से पूर्ण संतुष्ट था तभी तो कालांतर से पाराशर गोत्रज आज भी विद्यमान है, जबकि महर्षि वेदव्यास ने नारी को भोगा था किन्तु वय के कारण कर्मणा नहीं मनसा कामना जीवित थी ।
- जैसे ही मैं समंदर में कूदा कि सब लोग सोचने लगे थे | पुराणों में जो ज़िक्र हैं, शायद मत्स्यकन्या होगी क्या? अचानक सभी की सोच सकारात्मक होने लगी | शायद किशन ने देखी भी होगी | तभी तो उसने समंदर में दौड़ लगाई होगी | सभी के मन में था कि क्या होगा?
- थोड़ी देर बाद जब मैंने वहां से बिदाई लेने के लिए इशारा किया तब मत्स्यकन्या मेरे सामने देखती ही रही | जैसे ही मैं पीछे मुदा कि मत्स्यकन्या जल्दी से मेरे सामने आई और मुझे गले लगा लिया | मेरे लिए यह पल अत्यंत भावासभर था फिर भी वहां रहना मेरे लिए असंभव ही था | यह मैं उसे कैसे समझाता?
- थोड़ी देर बाद जब मैंने वहां से बिदाई लेने के लिए इशारा किया तब मत्स्यकन्या मेरे सामने देखती ही रही | जैसे ही मैं पीछे मुदा कि मत्स्यकन्या जल्दी से मेरे सामने आई और मुझे गले लगा लिया | मेरे लिए यह पल अत्यंत भावासभर था फिर भी वहां रहना मेरे लिए असंभव ही था | यह मैं उसे कैसे समझाता?
- मैं उनके साथ बहुत सारी बातें करना चाहता था | सालों से जिसे मै सपने में देखता था उसका आज पहलीबार साक्षात्कार हुआ था | मगर मत्स्यकन्या कुछ भी तो समझ नहीं पाती थी | मैंने अपने प्यार-भावनाओं को समझाने के लिए बहुत कोशिश की मगर वो कुछ भी समझ पाती ही नहीं थी | बहुत सारी कोशिशें नाकाम होने के बाद मै निराश हो गया |
- बहुत ही बड़े से कमरे में मत्स्यकन्या को देखते ही मेरा चहेरा खुशी से झूम उठा | बिलकुल ऐसी ही दिखती थी, जैसी मैंने सपने में देखी थी | नुकीला चेहरा, लम्बे-घने काले बाल, तंदुरस्त शरीर, बंद आँखें और अनावृत शरीर! मैंने उसे गौर से देखा तो सचमुच ही ऊपर का आधा शरीर किसी स्त्री का और कमर से नीचे मछली ही!!
- मुझे पिछले कुछ अरसे से एक सपना दिखता था | उसमें मैंने एक मत्स्यकन्या देखी थी | मानों उसके साथ आँख ही मिल गई थी | हमारे बीच का यह तारमैत्रक ने मुझे पागल ही बना दिया था | अब तो हर हाल में मत्स्यकन्या को पाने के लिए मैं उतावला हो गया था | मेरी माँ मुझे बारबार समझाती थी | मत्स्यकन्या हो और वह भी ज़िंदा...