रिझाऊ उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- मनमोहन प्यारे क्यों अखिया मीचे बैठा हैं अब तो देख इक नजर इधर ओह कन्हाई कब से खड़ी हू आकर तेरे द्वार लगी हैं तेरे मिलन की आस रो रो के तुझको रिझाऊ तेरे लिए मुस्कुराऊ, तुझे गा गा कर रिझाऊ अब तो खोल दे बंद किवाड़ नही रहा जाता अब बिन तेरा नाम गाये अब तो कर दे कृपा की इक नजर ओह श्याम
- ओह मेरे बाँके बिहारी मेरे गिरिवरधारी करू कैसे मै वन्दन तुम्हारा कैसे तुझे मैं रिझाऊ, कैसे तुझे मैं मनाऊ कैसे होगा मिलन तुमसे हमारा ओह वृन्दावन बिहारी मानो इक बात हमारी मोहे तुम कृपा कर धूल का इक कण बना दो मुझे निधिवन जी में बसा लो नित्य करती रहू दर्शन तुम्हारा हर पल गाऊ मै बस इक नाम तुम्हारा तुमसे ही बस रहे काम हमारा करू कैसे मैं वन्दन तुम्हारा