सुभग उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- सुभग न तू बुझने का भय कर;
- अष्टावक्र सुभग जातक की बनी सुजाता मातु सही ॥
- दृग में से निकलें नहीं, मेरे सुभग सुजान ।
- राष्ट्र की हों, नारी सुभग सदा ही।।
- सुभग सीतल कँवल-कोमल, जगत-ज्वाला-हरण।
- राजिम, श्रीपुर से सुभग चम्पव उद्यान।
- सुभग न तू बुझने का भय कर।
- उर अति रुचिर नागमनि माला॥ सुभग सोन सरसीरुह लोचन।
- बन बाग कूप तड़ाग सरिता सुभग सब सक को
- बिमल बिराग सुभग सुपुनीता ॥ 116. 8 उत्तरकाण्ड