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consonant उदाहरण वाक्य

consonant हिंदी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. There are two commonly used methods of transliteration from Devanagari to Roman: IAST and ITRANS. The combination of a vowel with none, one or more consonants makes a word.
    देवनागरी से रोमन लिपि में लिप्यन्तरण के लिये दो पद्धतियाँ अधिक प्रचलित हैं : IAST और ITRANS. शून्य एक या अधिक व्यंजनों और एक स्वर के मेल से एक अक्षर बनता है।
  2. Besides , some of the sounds -LRB- consonants -RRB- of which the language is composed are neither identical with the sounds of Arabic and Persian , nor resemble them in any way . ..
    और आगे बढ़ें तो इसकी कुछ ध्वनियों ( व्यंजन ) जिनसे भाषा का निर्माण हुआ है न तो अरबी और फारसी के समान हैं और न ही किसी भी प्रकार से उन जैसी लगती हैं . . ..
  3. To transliterate form Devenagari to Roman script there are two methodology mainly in use: IAST and ITRANS. With the combination of zero, one or more consonant and one vowel, one alphabet formed.
    देवनागरी से रोमन लिपि में लिप्यन्तरण के लिये दो पद्धतियाँ अधिक प्रचलित हैं : IAST और ITRANS. शून्य एक या अधिक व्यंजनों और एक स्वर के मेल से एक अक्षर बनता है।
  4. If such a consonant stands at the beginning of a verse , they drop it in counting , since the law of the guru demands that in it the vowelless consonant shall not precede but follow the vowel -LRB- ka-t , ki-t , ku ' t -RRB- .
    यदि इस प्रकार का व्यंजन किसी पद्य के आरंभ में आए तो वे उसकी गणना नहीं करते क़्योंकि गुरु के नियम के अनुसार उसमें स्वरविहीन व्यंजन स्वर के पहले नहीं बल्कि उसके बाद आना चाहिए ( काट , कीट , कूट ) .
  5. If such a consonant stands at the beginning of a verse , they drop it in counting , since the law of the guru demands that in it the vowelless consonant shall not precede but follow the vowel -LRB- ka-t , ki-t , ku ' t -RRB- .
    यदि इस प्रकार का व्यंजन किसी पद्य के आरंभ में आए तो वे उसकी गणना नहीं करते क़्योंकि गुरु के नियम के अनुसार उसमें स्वरविहीन व्यंजन स्वर के पहले नहीं बल्कि उसके बाद आना चाहिए ( काट , कीट , कूट ) .
  6. Further , as our people have composed out of the feet certain schemes or types , according to which verses are constructed , Definition of matra and have invented signs to denote the component parts of a foot , i.e . the consonant with and without a vowel , in like manner also the Hindus use certain names to denote the feet which are composed of laghu and guru , either the former preceding and the latter following or vice versa , in such a way , however , that the measure must always be the same , whilst the number of syllables may vary .
    मात्रा की परिभाषा इससे भी आगे चलें तो जैसा कि हमारे यहां के लोगों ने चरणों ही से कुछ विशेष वर्ण-योजन या प्रतीक बना लिए हैं जिनके अनुसार पद्य-रचना की जाती है और एक चरण के घटकों का निर्देश करने के लिए कुछ संकेत निश्वित कर लिए हैं जैसे स्वर के बिना या उससे युक़्त व्यंजन , उसी प्रकार हिन्दू भी उन चरणों का निर्देश करने के लिए जो लघु और गुरु से मिलकर बनते हैं.चाहे लघु पहले और गुरु बाद में हो या इसके विपरीत , कुछ नामों का प्रयोग इस तरह करते हैं कि उनकी मात्राएं हमेशा समान हों चाहे वर्णों की संख़्या भिन्न हो
  7. However , I am inclined to think that laghu does not mean a consonant without vowel , nor guru a consonant with vowel , but that , on the contrary , laghu means a consonant with a short vowel -LRB- e.g . ka , ki , ku -RRB- , and guru means the same with a vowelless consonant -LRB- e.g . kat , kit , kut -RRB- , like an element in Arabic metrics called Sahab -LRB- i.e.or w , a long syllable the place of which may be taken by two short ones -RRB- .
    लेकिन यहां मैं यह भी सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वीकार कर लूं कि ढइस समय तक मैं लघु और गुऋ-इन दोनों के सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वरूप के बारे में सऋ-ऊण्श्छ्ष्-पषऋ-ऊण्श्छ्ष्-टतः समझ नहीं पाया हूं कि अरबी में उसके समान ततऋ-ऊण्श्छ्ष्-वों का निर्देश करके उनऋ-ऊण्श्छ्ष्-हें सऋ-ऊण्श्छ्ष्-पषऋ-ऊण्श्छ्ष्-ट कर सकूं , लेकिन इसके बावजूद मैं यह समझता हूं कि लघु का अर्थ सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वरविहीन वऋ-ऊण्श्छ्ष्-यंजन नहीं है और न ही गुऋ का अर्थ सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वरयुकऋ-ऊण्श्छ्ष्-त वऋ-ऊण्श्छ्ष्-यंजन है , बल्कि इसके विपरीत मेरे विचार में लघु का अर्थ है ह्रसऋ-ऊण्श्छ्ष्-व सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वरयुकऋ-ऊण्श्छ्ष्-त वऋ-ऊण्श्छ्ष्-यंजन ह्यजैसे क , कि , कुहृ और गुऋ का अर्थ है ऐसा वऋ-ऊण्श्छ्ष्-यंजन जो सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वरविहीन वऋ-ऊण्श्छ्ष्-यंजन से युकऋ-ऊण्श्छ्ष्-त है ह्यजैर्सेकत् , कित , कुत्हृ जैसा कि अरबी छंदशासऋ-ऊण्श्छ्ष्-त्र में भी एक ततऋ-ऊण्श्छ्ष्-व है जो सहब कहलाता है ह्यअर्थार्तया ऋवऋ एक दीर्घ वर्ण ऋसका सऋ-ऊण्श्छ्ष्-थान दो ह्रसऋ-ऊण्श्छ्ष्-व वर्ण ले सकते हैं .
  8. However , I am inclined to think that laghu does not mean a consonant without vowel , nor guru a consonant with vowel , but that , on the contrary , laghu means a consonant with a short vowel -LRB- e.g . ka , ki , ku -RRB- , and guru means the same with a vowelless consonant -LRB- e.g . kat , kit , kut -RRB- , like an element in Arabic metrics called Sahab -LRB- i.e.or w , a long syllable the place of which may be taken by two short ones -RRB- .
    लेकिन यहां मैं यह भी सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वीकार कर लूं कि ढइस समय तक मैं लघु और गुऋ-इन दोनों के सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वरूप के बारे में सऋ-ऊण्श्छ्ष्-पषऋ-ऊण्श्छ्ष्-टतः समझ नहीं पाया हूं कि अरबी में उसके समान ततऋ-ऊण्श्छ्ष्-वों का निर्देश करके उनऋ-ऊण्श्छ्ष्-हें सऋ-ऊण्श्छ्ष्-पषऋ-ऊण्श्छ्ष्-ट कर सकूं , लेकिन इसके बावजूद मैं यह समझता हूं कि लघु का अर्थ सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वरविहीन वऋ-ऊण्श्छ्ष्-यंजन नहीं है और न ही गुऋ का अर्थ सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वरयुकऋ-ऊण्श्छ्ष्-त वऋ-ऊण्श्छ्ष्-यंजन है , बल्कि इसके विपरीत मेरे विचार में लघु का अर्थ है ह्रसऋ-ऊण्श्छ्ष्-व सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वरयुकऋ-ऊण्श्छ्ष्-त वऋ-ऊण्श्छ्ष्-यंजन ह्यजैसे क , कि , कुहृ और गुऋ का अर्थ है ऐसा वऋ-ऊण्श्छ्ष्-यंजन जो सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वरविहीन वऋ-ऊण्श्छ्ष्-यंजन से युकऋ-ऊण्श्छ्ष्-त है ह्यजैर्सेकत् , कित , कुत्हृ जैसा कि अरबी छंदशासऋ-ऊण्श्छ्ष्-त्र में भी एक ततऋ-ऊण्श्छ्ष्-व है जो सहब कहलाता है ह्यअर्थार्तया ऋवऋ एक दीर्घ वर्ण ऋसका सऋ-ऊण्श्छ्ष्-थान दो ह्रसऋ-ऊण्श्छ्ष्-व वर्ण ले सकते हैं .
  9. However , I am inclined to think that laghu does not mean a consonant without vowel , nor guru a consonant with vowel , but that , on the contrary , laghu means a consonant with a short vowel -LRB- e.g . ka , ki , ku -RRB- , and guru means the same with a vowelless consonant -LRB- e.g . kat , kit , kut -RRB- , like an element in Arabic metrics called Sahab -LRB- i.e.or w , a long syllable the place of which may be taken by two short ones -RRB- .
    लेकिन यहां मैं यह भी सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वीकार कर लूं कि ढइस समय तक मैं लघु और गुऋ-इन दोनों के सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वरूप के बारे में सऋ-ऊण्श्छ्ष्-पषऋ-ऊण्श्छ्ष्-टतः समझ नहीं पाया हूं कि अरबी में उसके समान ततऋ-ऊण्श्छ्ष्-वों का निर्देश करके उनऋ-ऊण्श्छ्ष्-हें सऋ-ऊण्श्छ्ष्-पषऋ-ऊण्श्छ्ष्-ट कर सकूं , लेकिन इसके बावजूद मैं यह समझता हूं कि लघु का अर्थ सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वरविहीन वऋ-ऊण्श्छ्ष्-यंजन नहीं है और न ही गुऋ का अर्थ सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वरयुकऋ-ऊण्श्छ्ष्-त वऋ-ऊण्श्छ्ष्-यंजन है , बल्कि इसके विपरीत मेरे विचार में लघु का अर्थ है ह्रसऋ-ऊण्श्छ्ष्-व सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वरयुकऋ-ऊण्श्छ्ष्-त वऋ-ऊण्श्छ्ष्-यंजन ह्यजैसे क , कि , कुहृ और गुऋ का अर्थ है ऐसा वऋ-ऊण्श्छ्ष्-यंजन जो सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वरविहीन वऋ-ऊण्श्छ्ष्-यंजन से युकऋ-ऊण्श्छ्ष्-त है ह्यजैर्सेकत् , कित , कुत्हृ जैसा कि अरबी छंदशासऋ-ऊण्श्छ्ष्-त्र में भी एक ततऋ-ऊण्श्छ्ष्-व है जो सहब कहलाता है ह्यअर्थार्तया ऋवऋ एक दीर्घ वर्ण ऋसका सऋ-ऊण्श्छ्ष्-थान दो ह्रसऋ-ऊण्श्छ्ष्-व वर्ण ले सकते हैं .
  10. However , I am inclined to think that laghu does not mean a consonant without vowel , nor guru a consonant with vowel , but that , on the contrary , laghu means a consonant with a short vowel -LRB- e.g . ka , ki , ku -RRB- , and guru means the same with a vowelless consonant -LRB- e.g . kat , kit , kut -RRB- , like an element in Arabic metrics called Sahab -LRB- i.e.or w , a long syllable the place of which may be taken by two short ones -RRB- .
    लेकिन यहां मैं यह भी सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वीकार कर लूं कि ढइस समय तक मैं लघु और गुऋ-इन दोनों के सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वरूप के बारे में सऋ-ऊण्श्छ्ष्-पषऋ-ऊण्श्छ्ष्-टतः समझ नहीं पाया हूं कि अरबी में उसके समान ततऋ-ऊण्श्छ्ष्-वों का निर्देश करके उनऋ-ऊण्श्छ्ष्-हें सऋ-ऊण्श्छ्ष्-पषऋ-ऊण्श्छ्ष्-ट कर सकूं , लेकिन इसके बावजूद मैं यह समझता हूं कि लघु का अर्थ सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वरविहीन वऋ-ऊण्श्छ्ष्-यंजन नहीं है और न ही गुऋ का अर्थ सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वरयुकऋ-ऊण्श्छ्ष्-त वऋ-ऊण्श्छ्ष्-यंजन है , बल्कि इसके विपरीत मेरे विचार में लघु का अर्थ है ह्रसऋ-ऊण्श्छ्ष्-व सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वरयुकऋ-ऊण्श्छ्ष्-त वऋ-ऊण्श्छ्ष्-यंजन ह्यजैसे क , कि , कुहृ और गुऋ का अर्थ है ऐसा वऋ-ऊण्श्छ्ष्-यंजन जो सऋ-ऊण्श्छ्ष्-वरविहीन वऋ-ऊण्श्छ्ष्-यंजन से युकऋ-ऊण्श्छ्ष्-त है ह्यजैर्सेकत् , कित , कुत्हृ जैसा कि अरबी छंदशासऋ-ऊण्श्छ्ष्-त्र में भी एक ततऋ-ऊण्श्छ्ष्-व है जो सहब कहलाता है ह्यअर्थार्तया ऋवऋ एक दीर्घ वर्ण ऋसका सऋ-ऊण्श्छ्ष्-थान दो ह्रसऋ-ऊण्श्छ्ष्-व वर्ण ले सकते हैं .
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