ओंठ उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- ओंठ लिखे प्रीत की कहानी किसी गाल पर
- आँखों का कोई भरोसा नहीं, ओंठ फिसलेंगे ही.
- ओंठ थे तो दाँत भी जरूर उगे होंगे।
- ‘‘ व्यंग्य से कमलकांत के ओंठ फैल गए।
- ओंठ मुर्दे की तरह विदर्ण हो गए थे।
- आपके भी ओंठ इक दिन, गीत गायेंगे मेरे
- ओंठ खोलने की जरूरत हो तो ही खोलो।
- उसके पतले ओंठ इस तिरछी ओटके बाहर रहते हैं.
- उनका ऊपरी ओंठ मूंछों से ढका हुआ
- न ओंठ रहते हैं और न पंखुरियां