घटना-चक्र उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- अपने अधिकारों के प्रति अचेत, राग-रंग में मस्त और राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय घटना-चक्र को समझने में असमर्थ राजपूत-वर्ग को समस्त बुद्धिजीवी ओर अपनी प्रजा का घृणा का पात्र बनना पड़ा तथा सबका ध्यान सामन्तीय अत्याचारों की और आकर्षित करके पूंजीपति बनियाँ स्वयं अपनी पूंजी और उससे उत्पन्न दुर्गुणों की मंजूषा लेकर ब्राह्मण रूपी ढाल के पीछे जा छुपा |
- ' बाबू-यह सब मामला क्या है?'-'एस्थर बिटिया, कुछ भी नहीं... मामला क्या होगा?' वे आखिर तक उससे सब क्यों छिपाते रहे? और फिर घटना-चक्र तेजी से घूमने लगा-पहले नाचने की शिक्षा खत्म हुई, फिर स्कूल जाना छूटा और सबसे बड़ा आश्चर्य तब हुआ जब उसे पता चला कि लोग, बिना शब्दों के माध्यम से, उसे समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि वह और लोगों से भिन्न हुए ।
- वस्तुतः नवगीत ने जिस जीवन-गति और संघर्ष-चेतना को अपना मूल स्वर बनाया वह उनकी गीति-रचनाओं में ' जीवन: एक अनुभूति ', ' अनुदर्शन ', ' नियति ', ' परिणति ', ' नवोन्मेष ', ' विराम ', ' आग्रह ', ' घटना-चक्र ', ' अकारथ ', ' चाह ', ' आह्वान ', ' दृष्टि ', ' परिवर्तन ' आदि जैसी रचनाओं में दिखाई पड़ता है।