पसरना उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- तभी दोपहर की चमकदार धूप पता नही क्यों शर्मा कर देहात की नई-नवेली दुल्हन की तरह अपने आप मे सिकुड़ने लगी और जनरल बोगी मे चिरौरी कर सीट के कोने मे बैठे बादल ने पसरना शुरू किया।
- अगर अभी याद्दाश्त पर काला पर्दा नहीं पडा है तो शायद रंगीन इन्द्रधनुषी रंगों के, बारिशों की नमी के दिन थे जब प्यार का लबादा पहने किसी ने दस्तक दी और मेरे भीतर पसरना शुरु किया.
- कोई दौड़ खत्म होने के बाद की हांफ, जिसमें अब तक तीक्ष्ण नोक पर टिके रहे प्राण पसरना शुरू होते हैं, भरने लगतें हैं धीरे धीरे.देह के भीतर ताप सिकुड रहा है.विश्रान्ति लाती छोटी छोटी तन्द्राएं आने लगती हैं.
- ऍसा लगा मानो खुद से ही मैं मिला सच-कठिन हो गयी है अब खुद से खुद की मुलाकात, ऍसे में तुमसे मिलना मानो किसी फूल का खिलना तपती दोपहरी में बदली की छांव का पसरना किसी अबोध के चेहरे पर निश्छल मुस्कान का उभरना।
- इस कोटि के कतिपय अन्य शब्द हैं-उकाल (चढ़ाई), थिलेग (रल्ले), चोप्टा (पानी का चुल्लू भर पोखरी), गझिन (घना गुँथा हुआ), गुडमुड़ा (बेतरतीब इकट्ठा), टेकना (सहारा लेना), पसरना (लम्बा लेट जाना), दतियाना (धीरे-धीरे चबाते रहना), तप्पड़ (मैदान), लाफ (लम्बा कद), रुँण (अग्न्याधान) आदि।