संकेत- उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- इस महान विभूति ने अपने इकसठवें जन्मदिवस के अवसर पर यह कविता भी लिखी थी (संकेत- 3):-
- शब्द सांकेतिक होते हैं-अमूर्त संकेत- जिनके द्वारा हम वस्तुजगत या उसके बारे में जानकारियों को अपनी कल्पना में ग्रहण करते हैं.
- शब्द: रूपाकार: फिर संकेत ये हर मोड़ पर बिखरे हुए संकेत- अनगिनती इशारे ज़िंदगी के ओट में जिनकी छिपा है अर्थ।
- शब्द सांकेतिक होते हैं-अमूर्त संकेत- जिनके द्वारा हम वस्तुजगत या उसके बारे में जानकारियों को अपनी कल्पना में ग्रहण करते हैं.
- औसत आयु में इजाफे के संकेत- यदि पिछली जनगणना के आंकड़ों पर नजर डालें तो पुरुषों की औसत आयु 64 और महिलाओं की 66 साल दर्ज की गई थी।
- औसत आयु में इजाफे के संकेत- यदि पिछली जनगणना के आंकड़ों पर नजर डालें तो पुरुषों की औसत आयु 64 और महिलाओं की 66 साल दर्ज की गई थी।
- ...एक आखिरी संकेत- एक महिला के रूप में नजर आ रहे ये महाशय खुद महिलाओं को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं और इसी कारण इनकी पत्नी इनसे अलग हो चुकी हैं।
- सुदिनमणि-वलय विभूषित उषा-सुन्दरी के कर का संकेत- कर रही हो तुम किसको मधुर, किसे दिखलाती प्रेम-निकेत? चपल! ठहरो कुछ लो विश्राम, चल चुकी हो पथ शून्य अनन्त, सुमनमन्दिर के खोलो द्वार, जगे फिर सोया वहाँ वसन्त।
- आज की पहेली में आपको हिन्दुस्तान के उस इतिहास पुरूष को पहचानना है जिसने राजनीति की रपटीली राहों पर फिसलते संभलते हुऐ इसके शिखर को छुआ (संकेत- 1) और इस शिखर से त्यागपत्र देते हुये बाल्मिीकि रामायण की वह पंक्ति पढी थी जो उनके बाबा श्यामलाल जी ने (संकेत-2) बचपन में याद कराई थी।
- आज की पहेली में आपको हिन्दुस्तान के उस इतिहास पुरूष को पहचानना है जिसने राजनीति की रपटीली राहों पर फिसलते संभलते हुऐ इसके शिखर को छुआ (संकेत-1) और इस शिखर से त्यागपत्र देते हुये बाल्मिीकि रामायण की वह पंक्ति पढी थी जो उनके बाबा श्यामलाल जी ने (संकेत- 2) बचपन में याद कराई थी।