सांस्कृतिक संरचना उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- इनमें से अधिकांश अभी भी सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना के लिहाज से खुद को रूस के साथ जुड़ा हुआ महसूस करते हैं और ऐसे ज्यादातर राज्यों ने सोवियत शैली जैसी ही अर्थव्यवस्था के प्रारूप को अपना रखा है.
- 135194 वर्ग कि. मी. में फैला और लगभग दो करोड़ आबादी को 18 जिलों में समेटे छत्तीसगढ़ प्राकृतिक वैभव से परिपूर्ण, वैविध्यपूर्ण सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना तथा अपने गौरवपूर्ण अतीत को गर्भ में समाए हुआ है।
- यह देश हमारे नीति-नियंताओं के लिए न सिर्फ आर्थिक और सामरिक क्षेत्र का प्रेरणास्नेत व तारणहार है अपितु उसकी सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना की ओर भी हम ललचाई नजर से देखते हैं और वैसा ही हो जाना चाहते हैं।
- वही जे एन यू के भारतीय भाषा केंद्र के प्राध्यापक देवेन्द्र चौबे ने कहा कि दलित स्त्रीवाद के प्रसंग में सबसे बड़ा सवाल है कि हमारे सामजिक-सांस्कृतिक संरचना में दलित स्त्री को कहाँ जगह दी गई है.
- यह कब्जेदारी महज़ नौकरियों और पदों तक ही सीमित नहीं रहते बल्कि देखा जाय तो एक सांस्कृतिक संरचना का व्यक्ति जब सत्ता के किसी मशीनरी में में आता है तो वह अपने पारंपरिक रीतियों के साथ संस्थान में जीता है.
- लेकिन इस बात पर कभी चर्चा नहीं की गई कि उनके सेक्स को लेकर उनके खुले विचार और हमारे द्वारा नकल करने की प्रवृति के कारण भारतीय सामाजिक, सांस्कृतिक संरचना में कितना बदलाव या कहे नुकसान उठाना पड़ सकता है, ऐसा विचार तक नहीं किया गया।
- लेकिन इस बात पर कभी चर्चा नहीं की गई कि उनके सेक्स को लेकर उनके खुले विचार और हमारे द्वारा नकल करने की प्रवृति के कारण भारतीय सामाजिक, सांस्कृतिक संरचना में कितना बदलाव या कहे नुकसान उठाना पड़ सकता है, ऐसा विचार तक नहीं किया गया।
- वक्तव्य के अंत में वे लिखती हैं-“ बुनियादी सवाल अब यह है कि साहित्य को सदियों के अंतराल में उत्पादित एक सांस्कृतिक संरचना माना जाये जो अपनी विशिष्ट रूढ़ियों द्वारा पोषित हुई और जो अब संचार-माध्यमों के समक्ष संभावित विनाश का सामना कर रही है या फिर वह अपने आप में विमर्श की कोई विशिष्ट और बुनियादी कोटि भी है? ”
- सच तो यह है कि इस दौर में लिखी गयी दलित आत्मकथाओं में ‘ मुर्दहिया ' एक ऐसी आत्मकथा है जिसमें न तो दलित आक्रोश के जाने पहचाने आक्रामक तेवर हैं न प्रतिशोध की अंतर्धारा. अपनी आपबीती के माध्यम से इसमें डॉ. तुलसी राम ने उत्तर भारतीय हिन्दी समाज की सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना को अत्यंत सहज मुहावरे में उदघाटित किया है.
- दूसरे दिन के पहले सत्र में ‘ राज्य की सामाजिक सांस्कृतिक संरचना मेंस्त्रियों की भूमिका ‘ विषय पर अध्यक्षता इतिहास की प्रोफ़ेसर एस भारती कुमारने की और वक्ताओं में लेखिका एवं समाजकर्मी अनीता भारती, संस्कृतिकर्मीअविनास दास, वरिष्ठ लेखिका उषा किरण खान, लेखिका और चिन्तक रमणिका गुप्ता, वरिष्ठ पत्रकार रजनी शंकर और मगध वि वि के स्त्री अध्ययन केंद्र कीप्रोफ़ेसर कुसुम कुमारी उपस्थित थीं.