अन्नमय उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- इसी आधार पर मन को अन्नाद व अन्नमय कहा जाता है।
- जीव का अन्नमय कोश नाड़ी समूहों से संचालित होता है.
- आहार-विहार ठीक होने के कारण उनका अन्नमय कोष परिशोधित था।
- अन्नमय प्राणमय अौर मनोमयआदि और ये सब क्रमशः सूक्ष्मतर होते हैं।
- अर्थात हमारे अन्नमय, प्राणमय तथा मनोमय कोश स्पन्दित होते हैं।
- प्रथम तो उसे भौतिक शरीर मिला है जो अन्नमय कोष है।
- प्राणों का कोष, प्राणमय कोष, अन्नमय कोष से अधिक मूल्यवान है।
- आहार-विहार की सुचिता, आसन-सिद्ध और प्राणायाम करने से अन्नमय कोश की
- इसलिए पहले से ऋषि शुरू करता है ” अन्नमय कोष। ”
- 1. अन्नमय कोश-शरीर पंचतत्व से मिलकर बना है.