दयामय उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- दयामय! अपनो विरद विचार |
- भजन-हे दयामय आप ही संसार के आधार हो
- जो उस दयामय प्रभु की ‘
- गीधराज ढिंग राम दयामय सोच विमोचन
- किस विधि मिलूँ दयामय, तुमको मैं कुमति ॥ ओम् जय...
- ऐसे दयामय भगवान् को मैं अमंगल का मूल समझता था!
- किस विध मिलूं दयामय, तुमको मैं कुमति, ॐ जय जगदीश हरे
- मैं नित्य तुम्हारे द्वार पर गदापाणि उपस्थित रहूँगा। ' दयामय द्रवित हुए।
- ‘समाधिस्थ ', या फिर प्रजावत्सल और दयामय और दोनों दशाओं में फिर
- नित गर्व किया करता तुमपे कि दयामय हो शुचि कन्चन से