निरावरण उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- मैं भी अपना जिस्म उतार कर अब तक उसके पास आता रहा था-निरावरण, विशुद्ध मन हो कर...
- क्योंकि, जो जीवन मैंने देखा है, उसने मेरे प्राणों को ही नहीं, संसार को ही निरावरण कर दिया है...
- हम सारी बातों को निरपेक्ष, निरावरण भाव से न देखने का अपराध कर रहे हैं और इसीलिए अपराधविहीन समाज नहीं बन पा रहे हैं।
- शव निरावरण था और अच्छी तरह दिखाई देता था, आग के बिछौने पर एक काला थीगले-सा, जो लम्बी नीली लपटों के साथ जल रहा था।
- इसी देवी का आकार बहुत ऊंचा, मुखमंडल वीरता-सूचक, टांगें निरावरण, किंतु सुंदर-सुडौल और दृढ़ तथा पैर, घुटनों तक जूते पहने हुए दिखाए जाते हैं।
- उसे लगा, जैसे पीले मकान की बहू नहीं, वह खुद निरावरण हालत में खड़ी है और बेगाने आदमियों की गंदी निगाहें उसे लगातार बेधे जा रही हैं।
- प्राप्ति व अत्यधिक प्राप्ति के बाद विकर्षण व अनाकर्षण की उत्पत्ति होती अतः सुलभ, सरलता से प्राप्त, अनावृत्त, खुली हुई, निरावरण के प्रति स्वाभाविक अनाकर्षण रहता है।
- और इस कविता का अंत होता है एक वक्तव्य से, यहां सचमुच-किसी कैमरे को यक़ीन न आयेगा वहां सब कुछ सब कुछ निरावरण है जो, जो कुछ है वही है।
- किन्तु चाँद इतना सुन्दर है कि इस आवरण को उसे ढक रखने का अधिकार नहीं है, इसीलिए चाँद ने उसे उतार फेंका और निरावरण होकर क्षितिज के ऊपर आ गया है।
- रोते हुए भी मैंने कनखियों से देखा था कि मेरी निरावरण देह को छूते और उलटते-पलटते हुए उसके चेहरे का रंग जरा भी तो नहीं बदला था (उसकी आंखों में वही सूनापन था।