प्रयाण गीत उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- नेताजी की आज़ाद हिन्द फ़ौज में ‘ कदम कदम बढ़ाये जा ' जैसे गीत को जामा पहनाने वाले कैप्टन राम सिंह ने तो वन्दे मातरम् की एक धुन प्रयाण गीत की तरह रच दी! बैण्ड की थाप पर सैनिकों के थिरकते कदम और इस धुन में बजता हुआ वन्दे मातरम्! आह, क्या मनोरम दृश्य रहा होगा!
- क्या कविता निजी होनी चाहिए या फिर सार्वजनिक? अगर ये एक निजी अनुभव है तो इसे सार्वजनिक क्यों बनाया जाये और अगर यह सर्व जन के लिए है तो कविता लिखने वाला (कवि नही, कविता लिखने वाला) इसे निजी उपक्रम क्यों माने? क्या कविता निजता में नही उपजती? जनगीत या प्रयाण गीत समाज की उथल पुथल के बीच से निकलते हैं मगर क्या कविता के बारे में भी यही बात कही जा सकती है?
- ब्लॉगजगत पर मैं काफी लेट आया हूँ, इसलिए कॉपीराईट पर एक पुरानी बहस आज जाकर पढ़ी | बहरहाल, इस कविता के रचनाकार का नाम मुझे नहीं पता है, जो भी हो वे मुझे अदालत में नहीं ले जाएँगे, ऐसा मैं सोचता हूँ | ये मेरे देश की कविता है | आज़ाद हिंद फौज का प्रयाण गीत, ' दिल्ली चलो ' आह्वान के साथ ' तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा ' जैसे नारों से देश के युवाओं के प्रेरणाश्रोत बने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस | उन्हें प्रणाम |