प्रामाण्य उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- “तद्वचनादाम्नायस्य प्रामाण्यम्” अर्थात् तद्वचन होने से वेद का प्रामाण्य है.
- मीमांसा ज्ञान को स्वत: प्रामाण्य मानती है।
- मीमांसा के अनुसार ज्ञान का प्रामाण्य स्वत: और अप्रमाण्य परत:
- प्रमाण में स्वत: प्रामाण्य ये मानते हैं।
- मीमांसा ज्ञान को स्वत: प्रामाण्य मानती है।
- अत: प्रामाण्य अपनी उत्पत्ति की दृष्टि से भी स्वत: है।
- इसी प्रक्रिया से प्रमाणों का परत: प्रामाण्य उपपन्न होता है।
- इस मत में प्रामाण्य और अप्रामाण्य दोनों परत: होते हैं।
- बादरायण ने भी प्रामाण्य में परापेक्षा को स्वीकार नहीं किया है।
- बादरायण ने भी प्रामाण्य में परापेक्षा को स्वीकार नहीं किया है।