मन्द्र उदाहरण वाक्य
उदाहरण वाक्य
- सामान्य तबले को मन्द्र सप्तक के मध्यम से लेकर मध्य सप्तक के पंचमतक मिला लिया जाता है.
- घाटियों में भरती गिरती चट्टानों की गूंज-काँपती मन्द्र-अनुगूँज-साँस खोयी-सी, धीरे-धीरे नीरव।
- मन्द्र वायलिन, वायलिनचैलो, वास वायलिन, एक प्रकार की बेला जो घेरे में दबा कर बजायी जाती है
- प्रायः यह देखा गया है कि नौसिखिया बाँसुरी-वादक जोकिआधुनिक मन्द्र पंचम है वहीं से षड्ज मानकर बजाते हैं.
- घाटियों में भरती गिरती चट्टानों की गूंज-काँपती मन्द्र-अनुगूँज-साँस खोयी-सी, धीरे-धीरे नीरव।
- वायु नाभि से उठकर उर स्थान से टकराकर मुख से निकलता है, तब मन्द्र स्वर निकलता है (प्रात:
- सुर कभी भी बेसुरे नहीं होते चाहत जिसे हो मन्द्र की तार सप्तक के स्वर शोर सा करते लगते हैं....
- सुर कभी भी बेसुरे नहीं होते चाहत जिसे हो मन्द्र की तार सप्तक के स्वर शोर सा करते लगते हैं....
- परन्तु धीरे-धीरे मन्द्र और अतिमन्द्र स्वरों में गायन का चलन कम होता गया और आधुनिक सारंगी से चौथा तार हट गया।
- स्वर के ऊपर बिन्दु तार सप्तक, स्वर के नीचे बिन्दु मन्द्र सप्तक और बिन्दु रहित स्वर मध्य सप्तक दर्शाते हैं।